News Room Post

Udhayanidhi Stalin Now Opposes Hindi Language : सनातन विरोधी उदयनिधि स्टालिन ने अब हिंदी भाषा का किया विरोध

Udhayanidhi Stalin Now Opposes Hindi Language : तमिलनाडु के डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन बोले, हिंदी के कारण उत्तर भारत के राज्यों में बोली जाने वाली वहां की स्थानीय भाषाएं जैसे हरियाणवी, राजस्थानी, भोजपुरी खत्म होने को हैं। इन सब राज्यों में हिंदी ही प्रमुख भाषा बन गई है। अगर तमिलनाडु में हिंदी को बढ़ावा दिया गया तो यहां भी ऐसा ही होगा और तमिल भाषा खत्म हो जाएगी।

नई दिल्ली। तमिलनाडु के डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन ने अब हिंदी भाषा का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि हिंदी की वजह से देश में कई भाषाएं खत्म होने की कगार पर हैं। स्टालिन अक्सर सनातन धर्म का विरोध करते रहते हैं। वो सनातन धर्म की तुलना कोविड जैसी गंभीर बीमारी से चुके हैं। स्टालिन ने 2023 में कहा था कि कुछ चीजें को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहिए। जैसे डेंगू, मच्छर, मलेरिया और कोरोना वायरस को खत्म करने की जरूरत है, उसी तरह से सनातन धर्म को भी खत्म कर देना चाहिए।

चेन्नई में इंडिया गठबंधन के दलों द्वारा केंद्र सरकार के विरोध में प्रदर्शन में शामिल होते हुए उदयनिधि स्टालिन बोले, हिंदी के कारण उत्तर भारत के राज्यों में बोली जाने वाली वहां की स्थानीय भाषाएं जैसे हरियाणवी, राजस्थानी, भोजपुरी खत्म होने को हैं। इन सब राज्यों में हिंदी ही प्रमुख भाषा बन गई है। अगर तमिलनाडु में हिंदी को बढ़ावा दिया गया तो यहां भी ऐसा ही होगा और तमिल भाषा खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा, बीते 100 सालों में हिंदी को लागू करने के विरोध में तमिलनाडु में कई बड़े प्रदर्शन हो चुके हैं। थलमुथु, नटराजन और कीझपालुर चिन्नास्वामी जैसे कई शहीदों ने राजनीति या धर्म के लिए नहीं बल्कि अपनी तमिल भाषा के लिए अपनी जान दी है।

उन्होंने आगे कहा कि आज भी हमारी तमिल भाषा को बचाने के लिए हजारों लोग अपनी जान की बाजी लगाने को तैयार हैं। हिंदी का विरोध करते हुए स्टालिन बोले, इसरो और कई प्रतिष्ठित विदेशी संस्थानों में काम करने वाले 90 प्रतिशत तमिल लोग ऐसे स्कूलों में पढ़े हैं जहां हिंदी नहीं पढ़ाई जाती। वहीं, वीसीके अध्यक्ष टोला थिरुमावलवन ने केंद्र सरकार पर हिंदी को जबरदस्ती गैर हिंदी भाषी राज्यों पर थोपने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी एक राष्ट्र-एक भाषा की नीति को लागू करना चाहती है और उसकी मंशा हिंदी को राष्ट्र भाषा घोषित करने की है।

 

Exit mobile version