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आप विधायकों ने अरविंद केजरीवाल को विधायक दल का नेता चुना

नई दिल्ली। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 62 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) के नवनिर्वाचित विधायकों ने बुधवार को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को विधायक दल का नेता चुन लिया। आप के नवनिर्वाचित विधायकों की औपचारिक बैठक में मनीष सिसोदिया ने अरविंद केजरीवाल के नाम का प्रस्ताव किया, जिसका सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से समर्थन किया। विधायक दल की बैठक में पूर्व की केजरीवाल सरकार के सदस्यों मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, इमरान हुसैन, कैलाश गहलोत और गोपाल राय सहित सभी विधायक मौजूद रहे। गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल ही आप, उसके पूरे प्रचार तंत्र और कार्यप्रणाली का केंद्र हैं।

बैठक शुरू होते ही अरविंद केजरीवाल के बगल वाली सीट पर बैठे मनीष सिसोदिया ने विधायकों के समक्ष केजरीवाल को विधायक दल का नेता व दोबारा मुख्यमंत्री बनाए जाने का प्रस्ताव रखा। मनीष सिसोदिया के इस प्रस्ताव का सभी विधायकों ने मेज थपथपा कर स्वागत किया और केजरीवाल को औपचारिक रूप से आप के विधायक दल का नेता चुन लिया गया। विधायक दल की बैठक को लेकर मनीष सिसोदिया ने कहा, “यह प्रक्रिया केवल एक औपचारिकता मात्र थी, फिर भी हमें यह फैसला लेना ही था।”

उन्होंने 16 फरवरी को रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री व मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों के शपथ लेने की जानकारी भी दी। मनीष सिसोदिया ने कहा, “16 फरवरी को दिल्ली का बेटा अरविंद केजरीवाल रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा। दिल्ली की जनता से अपील है कि आप सभी लोग सुबह 10 बजे इस आयोजन में शामिल होने रामलीला मैदान आएं।”

सिसोदिया ने कहा, “केजरीवाल ने विकास का नया मॉडल पेश किया है। देश की महिलाओं को सुरक्षा देना देशभक्ति है। लोगों को बिजली, पानी मुहैया कराना देशभक्ति है। चुनाव में लोगों के बीच जहर फैलाने की कोशिश की गई, लेकिन दिल्ली की जनता ने अपने बेटे को चुना है।”


महरौली से आप के नवनिर्वाचित विधायक नरेश यादव के काफिले पर गोली चलाने को लेकर भी मनीष सिसोदिया ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “यह कानून-व्यवस्था का गंभीर मुद्दा है। कैसे सरेआम दिल्ली में ऐसे गोलियां चलाई जा रही हैं।”

बता दें कि मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के आए नतीजों में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटें जीती हैं, जबकि भाजपा सिर्फ आठ सीटों पर सिमट गई। 2015 की तरह इस बार भी कांग्रेस शून्य पर रही।

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