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Gujarat Riots: गुजरात हिंसा का चेहरा बने अशोक मोची का तीस्ता सीतलवाड़ को लेकर धमाकेदार खुलासा, बयां किया अपना दर्द

नई दिल्ली। हमें पूरा विश्वास है कि आपने अशोक मोची का नाम तो कभी नहीं सुना होगा, लेकिन उनकी तस्वीर जरूर देखी होगी। अब आप मन ही मन सोच रहे होंगे कि आखिर ये अशोक मोची है कौन? क्या कोई राजनेता है या सामाजिक कार्यकर्ता है या फिल्म अभिनेता है या उद्योगपति है, जिसका नाम तो हम नहीं जानते हैं, लेकिन उसकी तस्वीर जरूर देखी होगी। तो आपको बता दें कि अशोक मोची ना ही कोई राजनेता हैं और ना ही फिल्म अभिनेता हैं और ना विख्यात उद्योगपति हैं, बल्कि वो गुजरात दंगे के बेशुमार पीड़ितों में से एक ऐसे पीड़ित हैं, जिसका इस्तेमाल तीस्ता शीतलवाड़ ने समुदाय विशेष की भावनाओं को भड़काने के लिए किया था। जिसके नाम पर तीस्ता ना जाने कितने ही फंड एकत्रित कर लिए थे। चलिए, अब हम आपको वो तस्वीर दिखाते हैं। तो जरा ध्यान से देखिएगा… हाथों में त्रिशूल…माथे में लिपटा भगवा कपड़ा… चेहरे पर धधकता रोष…कितनी विध्वंसक मालूम पड़ती है ना यह तस्वीर….इस तस्वीर के जरिए किसी की भी भावनाओं को आसानी से भड़काया जा सकता है…बस…इसी कमजोरी का फायदा उठाते हुए तीस्ता शीतलवाड़ ने समुदाय विशेष के लोगों को भड़काने का काम किया था, लेकिन अब जब तस्वीर में दिख रहे शख्स ने खुद मीडिया से मुखातिब होकर अपने दर्द को बयां किया है, तो यकीन मानिए सब दूध का दूध और पानी का पानी हो गया।

 

वैसे तो हम आपको बता ही चुके हैं, इस तस्वीर में दिख रहे शख्स का नाम अशोक मोची है, जिन्होंने खुद मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में अपनी बात रखी है। उन्होंने तीस्ता शीतलवाड़ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि गुजरात दंगे से जुड़े मामले को लेकर मेरी तस्वीर को देश-दुनिया की मीडिया में वायरल किया गया था। मेरी तस्वीर को गलत तरीके से पेश किया गया था। आज इतने साल बीत जाने के बावजूद भी मैं गुजरात दंगे के दर्द को भूल नहीं पाया हूं। इतना ही नहीं, अशोक मोची ने तीस्ता शीलतवाड़ पर अपनी इस तस्वीर का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे कभी भी सच्चाई दिखाने का मौका नहीं दिया गया। दंगों में मेरी तस्वीर का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मेरी तस्वीर को रोषयुक्त हिंदुत्व के रूप में पेश कर दूसरे समुदाय के लोगों में मेरे विरुद्ध जहर भरने की कोशिश की गई थी।

वह निदंनीय थी। इसकी जितनी भत्सर्ना की जाए, कम है। हालांकि, लोगों को पता था कि जैसा मुझे दिखाया गया है, मैं वैसा नहीं हूं, यह उसी का नतीजा है कि मैं आज स्वतंत्र रूप से काम कर पा रहा हूं। अशोक मोची ने कहा कि मेरी तस्वीर को ढाल बनाकर कई लोग अपनी राजनीति भी चमकाने की थी, लेकिन उन्हें कभी कामयाबी नहीं मिल पाई थी। यहां तक किसी भी मुस्लिम ने मेरे विरुद्ध कोई भी बयानबाजी नहीं की थी, क्योंकि उन्हें मेरी सच्चाई के बारे में पता था। उन्हें पता था कि जिस तरह से मीडिया के एक वर्ग द्वारा मुझे पेश किया जा रहा है, मैं वैसा नहीं हूं। लेकिन मैं कभी भी गुजरात दंगे के दर्द को भी नहीं भूल सकता हूं। मैं नहीं भूल सकता हूं कि किस तरह से मुझे घुट-घुट कर जीना पड़ा है।

बता दें कि बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता शीतलवाड़ की भूमिका को संगिग्ध बताते हुए उन्हें गिरफ्तार किए जाने का आदेश दिया था। वहीं, आज उनकी तरफ से अदालत में जमानत की अर्जी दाखिल की गई थी, जिसका एसआईटी ने विरोध किया है। वहीं, एसआईटी ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि तीस्ता को कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल की ओर से 30 लाख रुपए गुजरात की तत्कालीन नरेंद्र मोदी सरकार को गिराने के लिए दिया गया था। जिसे लेकर बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर हो चुकी है। बहरहाल, अब यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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