नई दिल्ली। पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर से अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है। लगातार किसान मुद्दे पर सरकार पर वार करने वाले वरूण गांधी ने अब नौकरी और पेपर लीक मामले को मुद्दा बनाकर सरकार पर सवाल उठाए हैं। वरूण गांधी ने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि आखिर कब तक भारत का नौजवाब सब्र करेंगा। वरुण गांधी ने ट्वीट कर सरकार पर वार करते हुए कहा, “पहले तो सरकारी नौकरी ही नहीं है, फिर भी कुछ मौका आए तो पेपर लीक हो, परीक्षा दे दी तो सालों साल रिजल्ट नहीं, फिर किसी घोटाले में रद्द हो। रेलवे ग्रुप डी के सवा करोड़ नौजवान दो साल से परिणामों के इंतजार में हैं। सेना में भर्ती का भी वही हाल है। आखिर कब तक सब्र करे भारत का नौजवान?”।
पहले तो सरकारी नौकरी ही नहीं है, फिर भी कुछ मौका आए तो पेपर लीक हो, परीक्षा दे दी तो सालों साल रिजल्ट नहीं, फिर किसी घोटाले में रद्द हो। रेलवे ग्रुप डी के सवा करोड़ नौजवान दो साल से परिणामों के इंतज़ार में हैं। सेना में भर्ती का भी वही हाल है। आखिर कब तक सब्र करे भारत का नौजवान??
— Varun Gandhi (@varungandhi80) December 2, 2021
परीक्षा लीक को लेकर साधा निशाना
इससे पहले परीक्षा लीक को लेकर भी निशाना साधा था। वरुण गांधी ने ट्वीट कर कहा, “UPTET परीक्षा का पेपर लीक होना लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है। इस दलदल की छोटी मछलियों पर कार्यवाही से काम नहीं चलेगा, उनके राजनैतिक संरक्षक शिक्षा माफियाओं पर कठोर कार्यवाही करे सरकार। क्योंकि अधिकांश शिक्षण संस्थानों के मालिक राजनैतिक रसूख दार हैं, इनपर कार्यवाही कब होगी?”
UPTET परीक्षा पेपर लीक होना लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है। इस दलदल की छोटी मछलियों पर कार्यवाही से काम नहीं चलेगा, उनके राजनैतिक संरक्षक शिक्षा माफियाओं पर कठोर कार्यवाही करे सरकार। क्योंकि अधिकांश शिक्षण संस्थानों के मालिक राजनैतिक रसूख दार हैं, इनपर कार्यवाही कब होगी?? pic.twitter.com/y64371G3aN
— Varun Gandhi (@varungandhi80) November 29, 2021
लखीमपुर कांड में की थी एक्शन की मांग
बीते दिनों लखीमपुर हिंसा को लेकर वरुण गांधी ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखकर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा पर एक्शन की मांग की थी। वरुण गांधी ने कहा था वो कृषि कानूनों की वापसी का स्वागत करते हैं। आगे उन्होंने कहा कि एमएसपी और अन्य मुद्दों पर कानून की मांग पर भी तत्काल फैसले लिए जाने चाहिए, ताकि किसान आंदोलन को खत्म कर वापस लौट सकें।