News Room Post

अयोध्या में भूमि पूजन से पहले मंगलवार को ली जाएगी हनुमान जी से अनुमति, जानिए आज का कार्यक्रम

नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण घड़ियां अब नजदीक आ गई हैं। 5 अगस्त को भूमि पूजन के साथ ही मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा। हालांकि चर्चा इस बात की भी है कि भूमि पूजन से पहले यानी 4 अगस्त को मंगलवार का दिन है, ऐसे में भूमि पूजन की अनुमित लेने के लिए अयोध्या में स्थित हनुमानगढ़ी में पूजा हो रही है। राम मंदिर निर्माण में निशान हनुमानगढ़ी का निशान पूजन का महत्व है। हनुमानगढ़ी का निशान 1700 वर्ष पुराना है।

वहीं मंगलवार के दिन अयोध्या में होने वाले कार्यक्रमों पर नजर करें तो कल होने वाले भूमि पूजन से पहले आज हनुमान गढ़ी में सुबह 10 बजे हनुमान पूजन और निशान के पूजन के साथ राम अर्चना का कार्यक्रम हुआ। राम जन्मभूमि परिसर में राम अर्चना जोकि करीब साढ़े पांच घंटे तक चलेगी। इसके अलावा निशान पूजन से हनुमान जी सरकार की अनुमति ली जाएगी।

राम मंदिर निर्माण में निशान हनुमानगढ़ी का निशान पूजन का महत्व है। हनुमानगढ़ी का निशान 1700 वर्ष पुराना है। राम जन्मभूमि ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्र निशान पूजन करेंगे। राम जन्मभूमि परिसर में आज राम अर्चना होगी। रामर्चान पूजन के माध्यम से भगवान श्रीराम को प्रसन्न किया जाएगा। भगवान श्री राम की प्रसन्नता के लिए रामर्चान पूजन विशेष तरीके का पूजन होता है। वाराणसी, अयोध्या, दिल्ली, हरिद्वार दक्षिण भारत के संत रामर्चान पूजन करेंगे।

आइए जानते हैं कि आखिर निशान पूजा क्या होती है..

प्रभु राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान जी श्री रामचन्द्र जी के द्वार के रक्षक हैं। श्रीराम जी के द्वार में उनकी आज्ञा के बिना किसी को प्रवेश नहीं मिलता। यही कारण है कि निशान पूजन की मान्यताओं के अनुसार प्रभु श्रीराम से जुड़े किसी भी विशेष कार्य से पहले उनके परमभक्त हनुमान की आज्ञा आवश्यक है और भूमि पूजन से पहले हनुमान जी का निशान पूजन इस बात को दर्शाता है। निशान पूजन के बारे में मान्यता है कि ये हनुमान जी का निशान 17 सौ वर्ष पुराना है। कुंभ के समय भी निशान पूजन होता है। 5 अगस्त को भूमि पूजन से पहले आज हनुमानगढ़ी के महंत गौरी शंकर दास निशान पूजन करेंगे

बता दें कि हनुमान गढ़ी में हनुमान पूजन और निशान पूजन दोनों की पूजा होती है। निशान पूजा अखाड़ों के निशान की पूजा होती है। निर्वाणी अखाड़े के ईष्ट देव हनुमान जी हैं। सबसे पहले हनुमान जी की पूजा की जाती है। अखाड़ों के निशान की पूजा का भी हनुमान पूजा जितना महत्व है। इसके अलावा, राम जन्मभूमि परिसर में राम अर्चना होगी। राम अर्चना करीब साढ़े पांच घंटे तक चलेगी। राम अर्चना में भगवान राम, राजा दशरथ, रानी कौशल्या की पूजा होती है। रावण से युद्ध के समय श्रीराम की मदद करने वालों की भी पूजा होती है। हनुमान, नल-नील, सुग्रीव, जामवंत, विभीषण की भी पूजा होगी।

इसके अलावा सुरक्षा के लिहाज से देखें तो अयोध्या की सीमा सील कर दी गई है। 5 अगस्त तक बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। स्थानीय निवासियों को पहचान पत्र रखना अनिवार्य है। एसपीजी ने सुरक्षा संभाल ली है। वहीं देश और दुनिया के हर राम भक्त के प्रतिनिधि के तौर पर भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे। कल भूमि पूजन के लिए 175 अतिथियों को निमंत्रण भेजा गया है। अयोध्या का रेलवे स्टेशन पर भव्य बनेगा। 5100 कलश तैयार हो रहे हैं।

Exit mobile version