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Azam Khan: PM मोदी और CM योगी के खिलाफ अपशब्द कहना आजम को पड़ा महंगा, 3 साल की सजा, विधायकी से भी कटा पत्ता

azam khan

नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को भड़काऊ भाषण मामले में गुरुवार को रामपुर के एमपी एमएलए कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है। तीन धाराओं के तहत सजा सुनाने के साथ ही 2 हजार रुपए का अर्थदंड भी उनपर लगाया गया है। विधिक विशेषज्ञों के मुताबिक, तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद सपा नेता आजम खान की विधानसभा सदस्यता भी जा चुकी है। जैसा कि कहा जा रहा था कि अगर आजम खान को दो साल से अधिक की सजा सुनाई जाती है, तो उनका विधायकी से पत्ता कट सकता है। हालांकि, विधिक विशेषज्ञों के मुताबिक, वह चाहे तो कोर्ट के फैसले को उपरी अदालत में चुनौती दे सकते हैं, लेकिन अब वह इस पूरे मसले को लेकर क्या कुछ कदम उठाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

जानिए पूरा माजरा 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान आजम खान ने पीएम मोदी, सीएम योगी सहित तत्कालीन डीएम के बारे में अपशब्दों का इस्तेमाल किया था, जिस पर आपत्ति जताते हुए बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद कोर्ट ने पूरे मामले को संज्ञान में लेने के बाद पहले तो 27 अक्टूबर को आजम को दोषी ठहराया, उसके बाद अब उन्हें 3 साल की सजा सहित अर्थ दंड का जुर्माना भी लगाया गया है।

आजम खान को मिल गई जमानत 

ध्यान रहे कि यह मामला बेहद दिलचस्प इस लिहाज से हो गया कि जहां कुछ देर पहले ही हेट स्पीच मामले में आजम खान को तीन साल की सजा सुनाई गई, तो लगे हाथों उन्होंने जमानत के लिए भी अपील कर दी। जिसके बाद उन्हें जमानत दे दी गई है। लेकिन, इतना तो साफ हो चुका है कि उन्हें तीन साल की सजा कटानी होगी।

हालांकि, विधिक विशेषज्ञों का मानना है कि वे अपनी सजा को कम करने की दिशा में उपरी अदालत का रूख कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में अब उनका अगला कदम क्या रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। इस दौरान आजम खान ने मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में कहा कि मैं तो आज इंसाफ का कायल हो गया। वहीं, जब उनसे यह सवाल किया गया कि क्या आप के खिलाफ यह विधिक कार्रवाई राजनीतिक विद्वेष से की गई है, तो इस पर उन्होंने कहा कि मैं कई बार आपको इसके बारे में भी बता चुका है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी के भी कई नेता हेट स्पीच देते हुए चिन्हित किए जाते हैं, लेकिन उनके खिलाफ तो कोई भी कार्रवाई नहीं की जाती है।

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