नई दिल्ली। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा शुरू से ही बहु-विवाह के खिलाफ रहे हैं। बीते दिनों इस संदर्भ में उन्होंने कानून बनाने का भी ऐलान किया था। इसके लिए समिति भी गठित की जा चुकी है, जो कि उचित सर्वे के बाद अब आगामी दिनों में कानून बनाने की कवायद शुरू करेगी। वहीं, आज पूरे दिन सीएम हिमंता अपने एक फैसले को लेकर पूरे दिन चर्चा में रहे। दरअसल, उन्होंने सरकारी अधिकारियों को दूसरी शादी करने की इजाजत दे दी है, लेकिन उससे पहले उन्हें सरकार की इजाजत लेनी होगी।
अगर सरकार की ओर से इजाजत दी जाती है, तो दूसरी शादी मुमकिन है, अन्यथा नहीं। बता दें कि हिमंता सरकार ने अपने फैसले में स्पष्ट कर दिया है कि भले ही उनकी पत्नी जीवित है, लेकिन अगर कोई दूसरी करने जा रहा है, तो उसे सरकार की इजाजत लेनी होगी। आइए, अब जानते हैं कि आखिर सरकार ने क्यों लिया ये फैसला ?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सरकारी कर्मचारियों के बीच बहुविवाह को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार के नवीनतम निर्देश को साझा किया। pic.twitter.com/snkbDtI6Jb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 27, 2023
दरअसल, मुस्लिमों को छोड़कर सभी धर्मों में दूसरी शादी करने की इजाजत तभी दी जाती है, जब उसका पहला पत्नी से तलाक हो जाता है, लेकिन मुस्लिमों में बिना तलाक के भी चार शादी करने की इजाजत दी गई है। वहीं, मुस्लिमों में पांचवीं शादी की इजाजत तभी दी जाती है, जब उसका किसी दूसरी पत्नी से तलाक नहीं हो जाता।
उधर, अब सरकार यह फैसला इसलिए ला रही है, क्योंकि आमतौर पर पति अगर सरकारी नौकरी में हो, तो उसकी मौत के बाद पत्नियों के बीच पेंशन देने को लेकर विवाद पैदा हो जाता है और नियमों के मुताबिक किसी एक ही पेंशन दिया जा सकता है, जिसकी वजह से एक शख्स वंचित रह जाता है। इसी परिस्थिति से निपटने के लिए अब असम सरकार सरकारी कर्मचारियों को दूसरी शादी करने से पहले इजाजत लेने की हिदायत दी है। बहरहाल, अब उनके इस फैसले का आगामी दिनों में क्या असर पड़ता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।