News Room Post

Rajasthan: विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान की गहलोत सरकार ने चला बड़ा दांव, कर्मचारियों-अधिकारियों को लेकर कर दिया ये ऐलान

ashok gehlot Rajasthan

नई दिल्ली। राजस्थान (Rajasthan) में सचिन पायलट संग जारी अंदरूनी कहल के बीच अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार ने बड़ा दांव खेला है। गहलोत सरकार ने ये दांव राज्य सरकार ने कर्मचारियों को लेकर खेला है। दरअसल, गहलोत सरकार की तरफ से राज्य की पूर्व वसुंधरा राजे सरकार के एक फैसले को पलटा गया है। ऐसे में अब तीसरा बच्चा होने पर भी कर्मचारियों-अधिकारियों की पदोन्नति पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई जाएगी। गहलोत सरकार का ये फैसला विधानसभा चुनाव से जोड़ा जा रहा है। एक तरफ जहां सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों और अधिकारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। तो वहीं, कांग्रेस को भी इस फैसले का फायदा चुनाव (Rajasthan Assembly Elections) में हो सकता है।

क्या था वसुंधरा सरकार का फैसला

कांग्रेस से पहले जब राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी और वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री के पद पर थी। वसुंधरा राजे सरकार द्वारा उस वक्त जनसंख्या विस्फोट को कम करने को लेकर एक फैसला लिया गया जिसके तहत राज्य में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के 1 जून 2002 के बाद तीसरा बच्चा होने पर प्रमोशन और सैलरी में रोकने का फैसला किया था। साल 2004 में इन नियम को लागू किया गया और कहा गया कि अब कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों की तीसरी संतान होने पर उनका प्रमोशन 5 सालों के लिए रोक दिया जाएगा। हालांकि बाद में राजे सरकार ने ही 2017 में इस फैसले के तहत निर्धारित समय सीमा को 5 साल से घटाकर 3 साल कर दिया था।

कार्मिक विभाग ने जारी किए आदेश

गुरुवार को कार्मिक विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किए। राज्य के कर्मचारियों और अधिकारियों की काफी समय से इसे लेकर मांग थी कि राजे सरकार द्वारा लगाई गई रोक को खत्म किया जाए। कर्मचारियों और अधिकारियों का कहना था कि उन्हें जो प्रमोशन (पद का हो या फिर सैलरी का) उन्हें 5 सालों में मिल जाना चाहिए था। उसे मिलने में 10 साल लग जाते। अब गहलोत सरकार ने अपने इस फैसले से राज्य के कर्मचारियों और अधिकारियों को खुश कर दिया है।

Exit mobile version