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Tahir Hussain Parole: दिल्ली दंगों के आरोपी AIMIM प्रत्याशी ताहिर हुसैन को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट से मिली 6 दिन की कस्टडी परोल

Tahir Hussain Parole: इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें सिर्फ नामांकन भरने के लिए कस्टडी परोल दी थी, लेकिन प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद ताहिर हुसैन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। पिछले सप्ताह दो जजों की बेंच इस पर सहमत नहीं हो सकी थी, जिसके बाद मामला तीन जजों की बेंच को सौंपा गया।

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नई दिल्ली। दिल्ली दंगों के आरोपी और AIMIM के मुस्तफाबाद से प्रत्याशी ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट ने 6 दिन की कस्टडी परोल दी है। वह 29 जनवरी से 3 फरवरी तक चुनाव प्रचार कर सकेंगे, लेकिन हर दिन सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ही बाहर रहने की अनुमति होगी। इसके बाद उन्हें जेल लौटना होगा।

सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच— जस्टिस विक्रम नाथ, संजय करोल और संदीप मिश्रा ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया। ताहिर हुसैन को परोल के दौरान अपनी सुरक्षा पर होने वाले खर्च का भुगतान खुद करना होगा। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि सुरक्षा व्यवस्था और सरकारी वाहनों पर प्रति दिन 4.14 लाख रुपये खर्च होंगे। जजों ने इस खर्च को आधा करते हुए ताहिर को हर दिन 2.07 लाख रुपये देने का आदेश दिया। उन्हें एडवांस में दो-दो दिन का भुगतान करना होगा, तभी वे जेल से बाहर आ सकेंगे।

दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देने से किया था इनकार

साल 2020 के दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन पर IB अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या का आरोप है। उन पर UAPA और PMLA के तहत दो केस भी दर्ज हैं। दंगों के समय वह आम आदमी पार्टी से पार्षद थे, लेकिन इस बार AIMIM ने उन्हें टिकट दिया है।

इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें सिर्फ नामांकन भरने के लिए कस्टडी परोल दी थी, लेकिन प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद ताहिर हुसैन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। पिछले सप्ताह दो जजों की बेंच इस पर सहमत नहीं हो सकी थी, जिसके बाद मामला तीन जजों की बेंच को सौंपा गया।

कस्टडी परोल की अहम शर्तें

दिल्ली पुलिस की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कोर्ट में ताहिर हुसैन को परोल देने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे गलत मिसाल बनेगी। हालांकि, जजों ने यह कहते हुए परोल मंजूर कर दी कि ताहिर हुसैन अपनी सुरक्षा का पूरा खर्च खुद उठाने को तैयार हैं।

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