नई दिल्ली। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की अवधारणा के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया और कहा कि यह राष्ट्र के सर्वोत्तम हित में है। उन्होंने जरूरत पड़ने पर तीन साल पहले चुनाव कराने की इच्छा व्यक्त की। आपको बता दें कि शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान धामी ने न सिर्फ ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर चर्चा की बल्कि भारत-INDIA विवाद पर भी अपना नजरिया साझा किया और सनातन समुदाय के बारे में टिप्पणी की।
2024 से पहले समान नागरिक संहिता का कार्यान्वयन
धामी ने यह भी घोषणा की कि 2024 से पहले उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी, जो राज्य में एक महत्वपूर्ण कानूनी सुधार का संकेत है। वहीं देश का नाम बदलने को लेकर चल रही बहस पर धामी ने दृढ़ता से कहा, “इस समय दुनिया के सभी देशों के नाम अंग्रेजी में एक ही हैं। इंडिया को भारत ही कहा जाना चाहिए। इस मामले में कोई अस्पष्टता या विवाद नहीं है।” उन्होंने इस विवाद के लिए मुट्ठी भर लोगों को जिम्मेदार ठहराया, जो हमेशा देश में कलह पैदा करने की कोशिश करते हैं।
धामी ने एक ही पार्टी और परिवार के 60 साल लंबे शासन की आलोचना करते हुए कहा कि जितनी प्रगति होनी चाहिए थी, उतनी नहीं हुई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हालांकि गरीबी उन्मूलन अधूरा रहा, गरीबों के सशक्तिकरण ने महत्वपूर्ण प्रगति की है।
पीएम मोदी के नेतृत्व में वैश्विक पहचान
मुख्यमंत्री ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की, इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत अब दुनिया भर में सम्मान, मान्यता और ताकत हासिल कर रहा है, खुद को एक सक्षम और शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में प्रस्तुत कर रहा है।
28 पार्टियों का विपक्षी गठबंधन
धामी ने 28 विपक्षी दलों के गठबंधन पर निशाना साधते हुए उन पर अपने परिवार और अस्तित्व की रक्षा के लिए एकजुट होने का आरोप लगाया। उन्होंने पिछली यूपीए सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि इंडिया एलायंस पुराने युग की याद दिलाता है।