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नागालैंड के दीमापुर में फंसे बिहार के मजदूरों ने रविशंकर प्रसाद से लगाई मदद की गुहार, देखिए फिर क्या हुआ

नई दिल्ली। देशभर में लॉकडाउन जारी है इस सब के बीच जिसे सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वह हैं दिहाड़ी मजदूर जिनकी रोजी रोजी पूरी तरह से ठप्प पड़ी हुई है। ऐसे में इनकी मदद के लिए सरकार के साथ-साथ स्थानीय स्वयंसेवक संगठन और स्थानीय लोग लगातार निकलकर सामने आ रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद कुछ ऐसी जगहें हैं जहां इन मजदूरों को अभी भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

ऐसा ही एक मामला नागालैंड के दीमापुर से आया है जहां बिहार के पूर्णिया और मधेपुरा जिले के मज़दूर फंसे हुए थे। मदद के लिए उन्होंने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से भावपूर्ण वीडियो के जरिए गुहार लगाई। जिसके कुछ ही घंटों बाद दीमापुर के ज़िला प्रशासन ने बिहार के सभी मज़दूरों की राशन पहुंचाकर उनकी मदद की।

हुआ ये कि लॉकडाउन के कारण नागालैंड में फंसे सैकड़ों कामगारों के समक्ष खाने-पीने की समस्या उत्पन्न हो गई उसके बाद वह रोते बिलखते मीडिया के कैमरे में कैद हुए। यह वीडियो जैसे ही कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के संज्ञान में आया उन्होंने तुरंत इसको लेकर नागालैंड प्रशासन से संपर्क साधा जिसके बात वहां की प्रशासन हरकत में आई और आनन-फानन में इन दिहाड़ी मजदूरों को राशन मुहैया कराया गया।

दीमापुर में इन मजदूरों से मिले अधिकारियों ने उन्हें आश्वस्त किया कि सभी को नगालैंड सरकार की तरफ से लॉकडाउन रहने तक राशन पानी और रहने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी। वादे के मुताबिक इन मजदूरों को राशन पानी और रहने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई है।

इसके पहले नगालैंड से दिल्‍ली के बिहार भवन में आया फोन- पत्‍नी गर्भवती है, प्‍लीज हेल्‍प मी

नगालैंड से एक व्यक्ति ने 9 अप्रेल को यह फोन किया कि वह बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी गर्भवती है। जांच जरूरी है। ऐसे में उनकी मदद की जाए। इस समस्या के संदर्भ में तुरंत बिहार भवन की ओर से नागालैंड के चीफ रेजिडेंट कमिश्नर को फोन किया गया। चीफ रेजिडेंट कमिश्नर ज्योति कलश संयोग से पटना साइंस कालेज के विद्यार्थी रहे हैं। उन्होंने तुरंत मामले में संज्ञान लिया। संबंधित नंबर पर उन्होंने फोन किया और जानकारी ली। बेगूसराय के उक्त व्यक्ति ने फीडबैक कॉल में बताया कि उनके पास डॉक्टर पहुंच गए हैं। पुरानी पर्ची को ले गए हैं।

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