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Bill On Delhi In Rajya Sabha: सोमवार को राज्यसभा में पेश होगा दिल्ली संबंधी बिल, जानिए सरकार और विपक्ष का गणित क्या?

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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार में अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का बिल लोकसभा में पास हो गया है। ये संविधान संशोधन बिल है। ऐसे में राज्यसभा में भी मोदी सरकार को इसे पास कराना होगा। सरकार के सूत्रों के मुताबिक राज्यसभा में भी दिल्ली संबंधी बिल आसानी से पास हो जाएगा। मोदी सरकार को इसका भरोसा इस वजह से है, क्योंकी बीजेडी और वाईएसआरसीपी ने उसे बिल पर समर्थन दिया है। वहीं, विपक्ष अगर राज्यसभा में हारता है, तो उसके I.N.D.I.A गठबंधन को मोदी सरकार और बीजेपी की तरफ से ये पहला झटका होगा। दिल्ली संबंधी बिल सोमवार को राज्यसभा में पेश किया जाना है।

अब जरा राज्यसभा में सरकार और विपक्ष का गणित भी देख लेते हैं। राज्यसभा में अभी 238 सांसद हैं। इस वजह से बहुमत का आंकड़ा 120 का होगा। बीजेपी के राज्यसभा में 92 सांसद हैं। उसके पाले में एनडीएम में शामिल एआईएडीएमके के 4, असम गण परिषद का 1, रिपब्लिकन पार्टी का 1, तमिल मनीला कांग्रेस (एम) का 1, मिजो नेशनल फ्रंट का 1, नेशनल पीपुल्स पार्टी का 1, पीएम का 1 सांसद हैं। इसके अलावा एनसीपी के अजित पवार गुट से प्रफुल्ल पटेल का वोट मोदी सरकार को मिलेगा। एनसीपी के 2 अन्य सांसदों पर सबकी नजर है कि वे किसे वोट देते हैं। इसके अलावा एनडीए को बीजेडी और वाईएसआरसीपी के 9-9 सांसदों का वोट मिलना तय है। ऐसे में सरकार के पक्ष में फिलहाल 126 सांसद दिख रहे हैं।

एकजुट विपक्षी गठबंधन की बात करें, तो राज्यसभा में कांग्रेस के 31, टीएमसी के 13, आम आदमी पार्टी और डीएमके के 10-10, आरजेडी के 6, सीपीएम और जेडीयू के 5-5, सपा और शिवसेना के 3-3, सीपीआई और जेएमएम के 2-2 सांसद हैं। इनके अलावा इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग का 1, केरल कांग्रेस मणि का 1 और आरएलडी का 1 सांसद मिलाकर संख्या 94 होती है। बीएसपी ने किसी का साथ न देने का फैसला किया है। अगर एनसीपी के 2 सांसद विपक्ष के साथ खड़े होते हैं, तो गठबंधन की संख्या 96 होगी। जो बहुमत के आंकड़े से 24 कम बैठती है।

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