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Delhi: BJP पर आरोपों की झड़ी लगाने वाले संजय सिंह की बीजेपी ने कर दी बोलती बंद, दिया मुंहतोड़ जवाब

cm arvind kejriwal

नई दिल्ली। आप इस पूरी स्थिति को ऐसे समझिए। सर्वप्रथम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस का उद्धघाटन करने के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए चुनावी रेवड़ियों का जिक्र कर अपने विरोधियों पर हमला बोला था। इस पूरे मसले को लेकर राजनीतिक गलियारों में प्रतिक्रियाओं का सिलसिला शुरू हो गया। पीएम मोदी द्वारा चुनावी रेवड़ियों का जिक्र करने पर कई राजनेताओं को मिर्ची लग गई। इसके बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता व अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर उन सभी राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द करने की मांग की थी, जो चुनावी मौसम के दौरान जनता को रिझाने के लिए चुनावी रेवड़ियां बांटे फिरते हैं, लेकिन कोर्ट ने ऐसा करना अलोकतांत्रिक बताया। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में चुनावी रेवड़ियों और जन कल्याणकारी योजनाओं के बीच के फर्क को भी स्पष्ट किया। बहरहाल, अब इस पूरे मसले को लेकर आगामी 17 अगस्त को सुनवाई होनी है। अब सुनवाई के दौरान इस पूरे प्रकरण को लेकर क्या कुछ फैसला लिया जाता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। लेकिन, इससे पहले इस पूरे मसले को लेकर जमकर राजनीति देखने को मिल रही है।

आपको बता दें कि आज इस पूरे मसले को लेकर बीते गुरुवार को पहले तो बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को आड़े हाथों लिया। जिसके बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी दिल्ली सरकार को आईना दिखाया। उधर, बीजेपी के दोनों नेताओं की तरफ से जुबानी तीर झेलने के बाद चोटिल हो चुके केजरीवाल ने जैसे तैसे प्रेसवार्ता करने की जहमत उठाई, लेकिन अफसोस वो खुद को डिफेंस नहीं कर पाए, जिसका ही यह नतीजा हुआ कि आज यानी की शुक्रवार को बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस वार्ता कर दिल्ली सरकार की पूरी की पूरी पोल पट्टी खोल दी। बीजेपी प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार महज योजनाओं पर विज्ञापन के नाम पर करोड़ों और लाखों रूपए खर्च करती है, लेकिन लोगों को उनका लाभ नहीं मिल पाता है। जिसे लेकर आज बीजेपी ने उनकी क्लास लगा दी और साथ में कुछ ऐसे खुलासे भी कर दिए, जिससे वाकिफ होने के बाद आम आदमी पार्टी की पूरी की पूरी जमात इस कदर तिलमिला गई कि उन्होंने बीजेपी से मुकाबला करने के लिए संजय सिंह को आगे किया। इसके बाद संजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस किया, जहां उन्होंने बीजेपी द्वारा उठाए गए तमाम मसलों का भरपूर जवाब देने की कोशिश की, लेकिन अभी इसे लेकर जिस तरह की प्रतिक्रिया बीजेपी की ओर से सामने आई है, उसे देखकर ऐसा लगता नहीं है कि आम आदमी पार्टी को खास सफलता मिल पाई है।

संजय सिंह के हमले के जवाब में बीजेपी शहजाद पुनावाला ने सिलसिलेवार तरीके से ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने संजय सिंह द्वारा उठाया गए विभिन्न मुद्दों पर पलटवार किया है। बता दें कि शहजाद पुनेवाला ने ट्वीट कर कहा कि, ‘आप और कांग्रेस को बुनियादी अवधारणाओं को समझाने के कई प्रयासों के बावजूद वे समझ नहीं पा रहे हैं। आप बेशर्मी से लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है- कर्ज माफी कर्ज माफी के समान नहीं है अफसोस की बात है कि मीडिया पिनोचियो केजरीवाल से कोई काउंटर नहीं पूछता है।’ ध्यान रहे कि संजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि जब हम समाज के गरीब तबके को मजबूत करने के लिए योजनाएं लेकर आते हैं, तो बीजेपी वाले इसे चुनावी रेवड़ियां बताते हैं और जब ये लोग उद्योगपतियों के लाखों करोड़ रुपए का कर्चा माफ कर देते हैं, तो ये इनकी नजर हितकरारी कदम समझा जाता है।

इसके साथ ही उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा कि बैंक ऋणों का बट्टे खाते में डालना विवेकपूर्ण लेखांकन उपचार है और यह तब किया जाता है जब समयबद्ध तरीके से नुकसान के खिलाफ 100% प्रावधान किए जाते हैं। यह बैंक बोर्डों द्वारा अनुमोदित आरबीआई दिशानिर्देशों के अनुसार है- बैंक ऐसे उधारकर्ताओं के खिलाफ वसूली कार्रवाई करना जारी रखते हैं।

इसके साथ ही उन्होंने तीसरे ट्वीट में कहा कि वसूली के ठोस प्रयासों के परिणामस्वरूप, सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा शुरू किए गए कड़े कदमों के कारण बैंकों ने पिछले आठ वर्षों में 8.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक के फंसे हुए ऋणों की वसूली की है। उन्होंने आगे कहा कि यहां तक कि आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन, जिन्हें यूपीए द्वारा नियुक्त किया गया था, ने यूपीए की बैंकिंग कदाचार की ओर इशारा किया: “2006-2008 की अवधि में बड़ी संख्या में खराब ऋण उत्पन्न हुए … बहुत अधिक ऋण अच्छी तरह से जुड़े हुए थे चूक के इतिहास वाले प्रमोटर” इसके साथ ही उन्होंने आरबीआई द्वारा एक आंकड़ा जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि आज, पीएसबी के सकल अग्रिमों के अनुपात के रूप में धोखाधड़ी की घटना, वित्तीय वर्ष 2013-14 के दौरान 1.32 प्रतिशत के शिखर से वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान 0.05 प्रतिशत तक।

इसके साथ ही बीजेपी नेता ने सीएम अरविंद केजरीवाल से आखिरी सवाल पूछा जिसमें उन्होंने सत्येंद्र जैन के बारे में उन्होंने कहा कि वे अपने पार्था को कब बर्खास्त करने जा रहे हैं। बहरहाल, अब सुप्रीम कोर्ट में चुनावी रेवड़ियों के मसले पर आगामी 17 अगस्त को होगी। ऐसे में देखना होगा कि आगामी दिनों में यह परूरा माजरा क्य कुछ रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम

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