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Maharashtra Politics: शिंदे के इस विज्ञापन से ख़फ़ा BJP!, गठबंधन में तकरार पर जानें क्या बोली शिवसेना?

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी के बीच संभवत: कुछ ठीक नहीं चल रहा है। बताया जा रहा है कि दोनों दलों के बीच कई मुद्दों पर विवाद जारी है। अब दोनों के बीच ताजा विवाद विज्ञापन को लेकर छिड़ गया है। दरअसल, शिवसेना की ओर से प्रकाशित करवाए गए विज्ञापन पर बीजेपी ने नाराजगी जाहिर की है। बीजेपी की ओर से जताई गई नाराजगी के पीछे की वजह यह है कि विज्ञापन में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की तुलना में सीएम एकनाथ शिंदे को ज्यादा लोकप्रिय बताया गया है। विज्ञापन के मुताबिक, राज्य में जहां 23 फीसद लोग फडणवीस को सीएम पद के रूप में देखना चाहते हैं, तो वहीं शिंद को 26 फीसद लोग।

बीजेपी को पसंद करने वाले राज्य में जहां 30 फीसद है, तो वहीं शिंदे की शिवसेना को पसंद करने वाले 40 फीसद है, जिसे लेकर दोनों दलों के विवाद छिड़ गया है। हालांकि,  मीडिया में खबर आने के बाद अब दोनों ही दलों की ओर से प्रतिक्रिया व्यक्त कर यह स्पष्ट किया जा रहा है कि कोई विवाद नहीं है। सबकुछ ठीक है। लेकिन, विज्ञापन के बाद राज्य का सियासी ताप अपने चरम पर पहुंच चुका है। ध्यान दें कि यह विज्ञापन ऐसे वक्त में सुर्खियों में है, जब अगले वर्ष विधानसभा के चुनाव है। सियासी विश्लेषकों की मानें तो शिवसेना और बीजेपी गठबंधन की नौका पर सवार होकर चुनावी मैदान में उतरेगी। ऐसे में सूबे की जनता विजयी ताज किसके सिर बांधती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। आइए अब आगे आपको बताते हैं कि इस पूरे विवाद पर किसने क्या कहा है?

शिवसेना क्या बोली?  

सबसे पहले शिवसेना की बात कर लेते हैं, तो शिवसेना की ओर से मोर्चा संभालते हुए सबसे पहले दीप केसकर ने कहा कि इस विज्ञापन को ज्यादा गंभीरता से ना लिया जाए और ना ही इसे सियासी चश्मे से देखा जाए। उन्होंने आगे कहा कि गलती से ऐसा विज्ञापन  प्रकाशित हो गया है।  अगर हमारे बीच कोई विवाद होता है, तो हम एकसाथ क्यों होते और जो लोग यह प्रचारित करने की कोशिश कर रहे हैं कि हमारे बीच विवाद है, उन्हें असल में मामले के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है।

बीजेपी ने क्या कहा 

वहीं, विज्ञापन पर उपजे विवाद पर बीजेपी की ओर से चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि चुनाव हमेशा ही राजनीति की दशा व दिशा तय करते हैं। मतदाताओं को कौन-सी पार्टी पसंद है, कौन मुख्यमंत्री के रूप में किसे देखना चाहता है, यह सबकुछ चुनाव परिणाम परिलक्षित होने के बाद ही साफ हो पाता है। इससे पूर्व पैदा की गई सभी चर्चाएं निराधार होती हैं, जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है, तो इस तरह से दोनों दलों की ओर से इस विवाद पर प्रतिक्रिया देकर यह बताने की कोशिश की गई कि दोनों के बीच कोई विवाद नहीं है। इस बीच इस पर  कांग्रेस की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने आई है। आइए आगे जानते हैं कि कांग्रेस ने क्या कहा है?

क्या बोली कांग्रेस  

उधर, कांग्रेस की ओर से कमान संभालते हुए अतुल लोंढे ने इस विज्ञापन को शिवसेना का झूठा प्रचार बताया है। उन्होंने विश्वास जताया कि अगर आज चुनाव हुए, तो कोई दो मत नहीं कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन भारी मतों से जीत हासिल करेगी। शिवसेना ने अपने प्रचार के लिए यह विज्ञापन छपवाया है, जिसका कोई आधार नहीं है, तो इस तरह से आप समझ सकते हैं कि किस तरह इस पूरे मसले पर दोनों दलों की ओर से प्रतिक्रिया व्यक्त कर यह स्पष्ट करने का प्रयास किया गया कि दोनों दलों के बीच कोई विवाद नहीं है।

बता दें कि 2019 का विधानसभा चुनाव बीजेपी और शिवसेना ने साथ मिलकर ही लड़ा था, लेकिन नतीजे आने के बाद दोनों के बीच सीएम पद को लेकर पेंच फंस गया। दरअसल, हुआ यूं कि बीजेपी जहां देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाने की मांग कर रही थी, तो वहीं शिवेसना उद्धव ठाकरे को। ऐसे में दोनों दलों के बीच विवाद अपने चरम पर पहुंच गया। इसके बाद शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद की खातिर बीजेपी के साथ अपने रिश्तों को तिलांजलि देकर कांग्रेस और राकांपा से हाथ मिला लिया।

कांग्रेस और राकांपा के समर्थन की बदौलत उद्धव ठाकरे सीएम बने, लेकिन सरकार बनने के ढाई साल बाद एकनाथ शिंदे और उनके कुछ समर्थकों ने मिलकर तत्कालीन उद्धव सरकार के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया। नतीजा यह हुआ कि तत्कालीन उद्धव सरकार अल्पमत में आ गई और उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया, लेकिन अब पिछले कुछ दिनों से शिवसेना और बीजेपी के बीच भी विवाद की खबरें लगातार तूल पकड़ती जा रही हैं। बहरहाल, अब आगामी दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में क्या कुछ परिवर्तन देखने को मिलता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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