News Room Post

UP Election: करहल सीट पर अखिलेश को मात देने के लिए BJP ने पिछड़े वर्ग के इस केंद्रीय मंत्री को उतारा चुनावी मैदान में

PM Modi, Yogi Adityanath And Akhilesh Yadav

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की अब तक की सियासी गतिविधियों के दौरान इस बात को लेकर लोगों के जेहन में आतुरता का सैलाब अपने उफान पर था कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव कहां चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं। काफी दिनों तक चली कयासबासी और गहमागहमी के बाद तय हुआ कि उन्हें करहल सीट से चुनावी मैदान में उतारा जाएगा। हालांकि पहले माना जा रहा था कि अखिलेश आजमगढ़ से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन सपा ने एकाएक अपनी रणनीतियों में बदलाव करते हुए अखिलेश को करह सीट पर चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया है, जिस पर बीजेपी ने तंजिया लहजे में कहा था कि बेशक अखिलेश बाबू ने अपनी रणनीतियों में बदलाव करते हुए किसी दूसरी सीट से चुनावी मैदान में उतरने का फैसला कर लिया हो, लेकिन उन्हें आगामी 10 मार्च को नतीजों के रूप में निराशा ही मिलने वाली है।  खैर, आगामी 10 मार्च सूब की चुनावी गतिविविधियों का क्या नतीजा होने जा रहा है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इस बीजेपी की तरफ से कथित तौर पर अखिलेश को हार का स्वाद चखाने के लिए पूर्व सपाई और वर्तमान में मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल को करहल सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया है।

करहल सीट पर दिलचस्प मुकाबला

करहल की चुनावी पिच पर सत्यपाल की एंट्री के बाद सियासी मुकाबला दिलचस्प मोड़ पर आ चुका है, वो इसलिए, क्योंकि सत्यपाल पूर्व सपाई हैं। सपा में लंबा सफर तय करने के बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थामते हुए केंद्रीय मंत्री की कुर्सी पर आसीन हुए हैं। वर्तमान में केंद्रीय राज्य कानून मंत्री हैं। वे इटावा जिले की भटपुरा सीट से ताल्लुक रखते हैं। वे गड़रिया समुदाय से आते हैं। उन्होंने कानून में स्नातक और विज्ञान में परास्नातक किया हुआ है। सत्यापाल राजनीति के पुराने खिलाड़ी माने जाते हैं। सियासी पंडितों की मानें तो बीजेपी ने  बहुत सोच  समझकर इस सीट से उतारा है। अब ऐसे में देखना होगा कि आगामी दिनों में इस सीट से क्या सियासी समीकरण देखने को मिलते हैं। चलिए, आगे आपको उनके सियासी जीवन से रूबरू कराए चलते हैं कि कैसे उन्होंने सियासत का सफर शुरू किया है और कहां से उन्होंने सियासत की दुनिया का ककहरा सीखकर केंद्रीय मंत्री तक का सफर तय किया।


सत्यपाल का सियासी जीवन  

तो आपको बताते चलें कि साल 1998, 1999 और 2004 उत्तर प्रदेश की जलेसर सीट  से सांसद रहे हैं। इस बीच उन्होंने साल 2014 में सपा के साथ अपनी पारी को विराम देते हुए बसपा का दामन थाम लिया और इसी वर्ष वे बसपा की सीट की टिकट राज्यसभा सांसद  भी बनें।  2017 में टूंडला से विधायक चुने गए और यूपी सरकार में मंत्री बनें. इसके बाद बीजेपी के टिकट पर ही उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव आगरा सीट से लड़ा और जीते. 2021 में उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में राज्य मंत्री बनने का मौका मिला। अब करहल सीट से सत्यपाल को चुनावी मैदान में उतारक बीजेपी ने बड़ा दांव चल दिया है,  अब ऐसे में देखना होगा कि बीजेपी के द्वारा चला गया यह दांवा कितना  उपयोगी सातिब हो पाता है। बता दें कि आगामी 10 फरवरी को उत्तर प्रदेश में सात चरणों में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं और नतीजों की घोषणा आगामी 10 मार्च को होने जा रही है, तब यह तय हो जाएगा कि प्रदेश के सियासी दंगल में सत्ता का ऊंट किस करवट बैठने जा रहा है।

Exit mobile version