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Delhi High Court: 6 हफ्ते में खाली करना होगा भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी को सरकारी बंगला, जानिए क्या है पूरा मामला

subrmanyam swami

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी नेता और पूर्व राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को दिल्ली हाई कोर्ट से झटका मिला है। कोर्ट ने बुधवार को स्वामी द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए ये आदेश दिया है कि वो (सुब्रमण्यम स्वामी) 6 हफ्ते के भीतर दिल्ली स्थित अपने सरकारी बंगले को खाली करे। दिल्ली हाई की तरफ से मामले को लेकर कहा गया है कि सुब्रमण्यम स्वामी को ये सरकारी बंगला 5 सालों के लिए आवंटित किया गया था जिसकी अवधि खत्म हो चुकी है। ऐसे में स्वामी को बंगला खाली कर देना चाहिए।

स्वामी ने कि याचिका दायर कर की थी ये मांग

सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर जिस बंगले में वो रह रहे हैं उसमें रहने की समय अवधि बढ़ाने की मांग की थी। बता दें, स्वामी इस सरकारी बंगले में जनवरी 2016 से रह रहे थे। उन्होंने सुरक्षा संबंधी खतरे की बात रखते हुए ये मांग की थी कि उन्हें बंगला फिर आवंटित किया जाए। हालांकि कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए स्वामी को झटका दिया और कहा कि, ‘आवंटन पांच साल के लिए किया गया था और वह अवधि समाप्त हो गई है। अदालत के सामने ऐसा कुछ नहीं रखा गया जो जेड श्रेणी की सुरक्षा रखने वाले व्यक्ति को सरकारी आवास के आवंटन के लिए भी अनिवार्य बनाता हो।’


2022 में समाप्त हो गई थी अवधि

जनवरी 2016 में 5 साल के लिए केंद्र की तरफ से बंगला स्वामी को आवंटित किया गया था। अपने पूरे राज्यसभा कार्यकाल के दौरान स्वामी उसी बंगले में रहे। अब जब अप्रैल 2022 में ये समय अवधि खत्म हो गई कि तो नियमानुसार उन्हें बंगला खाली करना था। हालांकि, स्वामी ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया का फैसला लिया। स्वामी ने सुरक्षा संबंधी खतरे को देखते हुए बंगले को पुन: आवंटन कराने मांग की थी। हालांकि उन्हें बंगला खाली करने का आदेश दिया गया है लेकिन उन्हें केंद्र की तरफ से जेड कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है।

स्वामी के वकील ने रखा ये तर्क

केंद्र की ओर से मामले में बात रखते हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एसजी) संजय जैन ने स्वामी की अपील पर बात करते हुए कहा कि बंगले को फिर से आवंटित करना संभव नहीं होगा। स्वामी अपने दिल्ली स्थित घर में शिफ्ट हो सकते हैं। इस दौरान सुरक्षा एजेंसियां ​​वहां उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगी। संजय जैन की इस बात पर स्वामी के लिए पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता ने तर्क देते हुए कहा कि स्वामी के लिए उस दिल्ली स्थित घर में रहने पर कोई परेशानी नहीं है लेकिन उनके साथ मौजूद रहने वाले सुरक्षाकर्मियों को भी रखने के लिए घर की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘आज तक गार्डों की संख्या कम नहीं हुई है, मुझे अपने निजी आवास में जाने में कोई परेशानी नहीं है लेकिन यह सुरक्षाकर्मियों के लिए अपर्याप्त है। एक सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के रूप में, मुझे यह सुनिश्चित करना होगा कि वे (सुरक्षाकर्मी) भी आराम कर सकें और उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी हों।’

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