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BJP Ruled States In Favor Of Waqf Act: बीजेपी शासित इन राज्यों ने वक्फ संशोधन कानून का किया समर्थन, सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर रखे ये तर्क

BJP Ruled States In Favor Of Waqf Act: अपनी हस्तक्षेप याचिका में इन राज्यों ने वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड यानी एआईएमपीएलबी, जमीयत उलेमा-ए-हिंद और अन्य की ओर से दाखिल याचिका में पक्षकार बनाने की अपील की है। सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून पर दाखिल याचिकाओं पर कल 16 अप्रैल को सुनवाई होनी है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

नई दिल्ली। बीजेपी शासित असम, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और महाराष्ट्र ने वक्फ संशोधन कानून का समर्थन करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी है। अपनी हस्तक्षेप याचिका में इन राज्यों ने वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड यानी एआईएमपीएलबी, जमीयत उलेमा-ए-हिंद और अन्य की ओर से दाखिल याचिका में पक्षकार बनाने की अपील की है। राजस्थान सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि वक्फ संशोधन कानून न सिर्फ संवैधानिक तौर पर बिना भेदभाव वाला और मजबूत है, बल्कि ये पारदर्शिता, निष्पक्षता और जवाबदेही के मूल्यों में भी निहित है। राजस्थान सरकार ने वक्फ संशोधन कानून को धार्मिक बंदोबस्त और जनता के व्यापक हित की रक्षा वाला भी कहा है।

राजस्थान सरकार ने वक्फ संशोधन कानून के पक्ष में ये भी कहा है कि कुछ लोगों और संगठनों ने कुछ संवैधानिक चिंताओं को उठाने के लिए नेक इरादे से याचिकाएं दी हैं, लेकिन ये राज्य प्रशासन की ओर से जमीनी हकीकत का सामना किए जाने को समझने में अफसोस पूर्वक विफल हैं। वक्फ संशोधन कानून के पक्ष में दाखिल याचिकाओं में राज्यों ने कहा है कि ये संशोधन मूल कानून की धारा 40 के दुरुपयोग के बारे में चिंताओं को दूर करता है। ये धारा वक्फ बोर्डों को किसी भी संपत्ति को अपना बताने का दावा करने की मंजूरी देता था। राज्यों ने अपनी याचिकाओं में इस दलील का विरोध किया है कि वक्फ संशोधन कानून संविधान का उल्लंघन करता है। राज्यों का कहना है कि ये कानून संसदीय समितियों, मंत्रालयों के बीच चर्चा और हितधारकों व विधायी और संस्थागत विचार के बाद पास किया गया है।

राज्यों ने साथ ही कहा है कि वक्फ संशोधन कानून सभी वर्गों के लिए समान व्यवहार भी तय करता है। राज्यों ने इस तर्क का भी खंडन किया है कि वक्फ संशोधन कानून संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन करता है। राज्यों ने तर्क दिया है कि वक्फ संशोधन कानून किसी भी धार्मिक प्रथा या धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता। वक्फ संशोधन कानून सिर्फ प्रशासन को संपत्तियों पर नियामक ढांचा देता है। साथ ही ये भी सुनिश्चित करता है कि किसी भी संपत्ति को वक्फ की बताने वाली मनमानी अधिसूचनाओं पर अंकुश भी लग सके। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून पर दाखिल याचिकाओं पर कल 16 अप्रैल को सुनवाई होनी है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

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