पटना। बिहार में एंबुलेंस सेवा संचालन के ठेका के मामले में बवाल जारी है। बताया जा रहा है कि 31 मई को प्रदेश में 102 आपात सेवा के तहत चलने वाली 2,125 एंबुलेंसों के ठेका जेडीयू के सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के रिश्तेदारों को मिला है। इस ठेके के दौरान नियमों में बदलाव और दस्तावेजों का लीक होने का आरोप भी लगाया जा रहा है। एंबुलेंस सेवा का ठेका ‘पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड’ (पीडीपीएल) को दिया गया था। ये एम्बुलेंस सेवा गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को हॉस्पिटल पहुंचाती है, जिसके बदले में उनसे कोई भी रकम वसूल नहीं की जाती है। लेकिन इसमें घोटाले को लेकर चल रहा विवाद अब पटना हाईकोर्ट पहुंच चुका है।
पहली बार 2017 में जब पीडीपीएल को ये ठेका मिला था, तो उस समय उसके साथ दूसरी कंपनी ‘सम्मान फाउंडेशन’ भी जुड़ी थी। उन्होंने मिलकर 625 एंबुलेंसों का संचालन किया था। शिकायतकर्ता के वकील निर्भय प्रशांत ने दावा किया है कि पीडीपीएल न तो टर्नओवर और न ही अनुभव के मानदंड को पूरा कर रही है। उनके अनुसार, टेंडर प्रक्रिया में शामिल होने के बावजूद, पीडीपीएल ने नियमों को पूरा नहीं किया है। वर्तमान में बिहार के स्वास्थ्य मंत्रालय की बागडोर तेजस्वी यादव के हाथ में है, जो कि बिहार के उपमुख्यमंत्री भी हैं।
भाजपा ने किया बिहार सरकार पर हमला
भाजपा सांसद रवि शंकर प्रसाद ने बिहार सरकार द्वारा जेडीयू सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के रिश्तेदारों की कंपनी को 1600 करोड़ रुपये की एंबुलेंस ठेके की सौदा वार्ता पर बात की है। उन्होंने कहा, “…कंपनी के बारे में कई असंगतताएं पाई जा रही हैं…जिस तरीके से यह निर्णय लिया गया है, वह गर्भवती महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के बारे में गंभीर सवाल उठाता है…भाजपा की अपेक्षा है कि इस मामले की ईमानदार जांच हो। जब तक यह स्पष्ट नहीं होता, उनके ठेके को रोक दिया जाना चाहिए…”
#WATCH | BJP MP Ravi Shankar Prasad speaks about Bihar Govt awarding Rs 1600-crore ambulance contract to firm of JD(U) MP Chandeshwar Prasad Chandravanshi’s kin.
He says, “…Several discrepancies have been found about the company that has been awarded the contract…The manner… pic.twitter.com/Iat7mmvIjP
— ANI (@ANI) June 19, 2023
वकील निर्भय प्रशांत ने बताया कि पीडीपीएल ने एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंसों की संख्या को 40 बढ़ा दिया है और कॉल सेंटर में सीटों की संख्या को 50 बढ़ा दिया है। इसके अनुसार, योग्यता मानदंड के अनुसार, जब कोई कंपनी एकल बोली दे रही होती है तो उसे पिछले तीन सालों में कम से कम 750 एंबुलेंस, 50 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस, और 75 सीटों वाला कॉल सेंटर होना चाहिए। लेकिन, शिकायतकर्ता के वकील के अनुसार, पीडीपीएल इन मानदंडों पर खरी नहीं उतरती है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि यह मामला पटना हाईकोर्ट में लंबित है और शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तावित अनियमितता के आरोपों पर विचार किया जा रहा है। इस मामले की अगली सुनवाई आज होगी, देखना होगा कि किस तरह से पूरी कार्रवाई आगे बढ़ती है।