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Anil Deshmukh: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को बॉम्बे हाईकोर्ट ने दी जमानत, फिर 10 दिन के लिए रोकी

मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख (Maharashtra Former Home Minister and NCP leader Anil Deshmukh) को जमानत दे दी। हालांकि, कोर्ट ने 10 मिनट बाद ही 10 दिन के लिए इस बेल को रोक दिया। अनिल देशमुख को मनी लॉन्ड्रिंग और वसूली मामले में केस का सामना करना पड़ रहा है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके खिलाफ आरोप लगाए थे। बॉम्बे हाईकोर्ट ने 1 लाख के मुचलके पर अनिल देशमुख की जमानत मंजूर की थी। इससे पहले हाईकोर्ट ने नवंबर में अनिल देशमुख को एक आरोप में जमानत दे दी थी। लेकिन दूसरे केस में जमानत न मिलने की वजह से अनिल देशमुख जेल से छूट नहीं पाए थे।

अनिल देशमुख उस वक्त चर्चा में आए थे, जब मुंबई के पुलिस कमिश्नर रहे परमबीर सिंह ने उन पर संगीन आरोप लगाए थे। परमबीर सिंह ने तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे के नाम लिखी चिट्ठी जारी की थी। इस चिट्ठी में परमबीर ने बताया था कि पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे के जरिए अनिल देशमुख मुंबई के होटल, बार्स और डांस क्लब्स से हर महीने 100 करोड़ रुपए की उगाही करवा रहे थे।

देशमुख ने इन आरोपों को गलत बताया था। वहीं, मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के बाहर विस्फोटकों भरी कार खड़ी करने के मामले में सचिन वाजे गिरफ्तार हुआ था। माना जा रहा था कि अंबानी को भी डराकर उनसे वसूली की कोशिश के तहत सचिन वाजे ने ऐसा किया। अनिल देशमुख की रिहाई से पहले पात्रा चॉल मामले में ईडी की गिरफ्त में आए शिवसेना सांसद संजय राउत को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दी थी।

अभी एनसीपी के एक और नेता और उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री रहे नवाब मलिक को जमानत नहीं मिली है। नवाब मलिक पर दाऊद के करीबियों से प्रॉपर्टी खरीदने और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा है।

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