झारसुगुड़ा। बिहार के समस्तीपुर के कोर्ट में परिवाद के बाद अब राहुल गांधी के खिलाफ ओडिशा के झारसुगुड़ा के थाने में शुक्रवार को केस दर्ज कराया गया है। राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर कराई गई है कि उन्होंने जानबूझककर राष्ट्रविरोधी बयान दिया। केस में ये भी कहा गया है कि राहुल गांधी के बयान से हर भारतीय नागरिक आहत हुआ है। झारसुगुड़ा के संबंधित थाने की पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। राहुल गांधी के खिलाफ ये केस बीजेपी और हिंदूवादी संगठनों के लोगों ने दर्ज कराया है। पुलिस को दी गई शिकायत में कहा गया है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी अभिव्यक्ति की आजादी की सीमाओं को पार कर चुके हैं।
झारसुगुड़ा थाने में दी गई शिकायत में कहा गया है कि राहुल गांधी ने भारतीय राज्य के खिलाफ लड़ाई का एलान किया। इससे राहुल गांधी ने लोगों के बीच विध्वंसक गतिविधियों और विद्रोह को उकसाने का काम किया। शिकायत में कहा गया है कि राहुल गांधी के बयान ने भारत की संप्रभुता और अखंडता को कमजोर करने का भी काम किया है। झारसुगुड़ा थाने की पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद राहुल गांधी पर बीएनएस की धारा 152 और 197(1)(डी) के तहत एफआईआर दर्ज की। इस केस से पहले राहुल गांधी के इसी बयान पर बिहार के समस्तीपुर में एक वकील ने स्थानीय कोर्ट में परिवाद दाखिल किया था। वकील ने राहुल गांधी को देशद्रोह करने वाला बताकर उम्रकैद की सजा की मांग की है।
दरअसल, 15 जनवरी 2025 को दिल्ली में कांग्रेस के नए मुख्यालय का उद्घाटन था। उस उद्घाटन समारोह में राहुल गांधी ने भी भाषण दिया था। राहुल गांधी ने कहा था कि अगर आप मानते हैं कि हम बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ लड़ रहे हैं, तो आप समझ नहीं पा रहे कि क्या चल रहा है। राहुल गांधी ने कहा था कि ये दो विचारों की लड़ाई है। उन्होंने कहा था कि एक हमारा विचार है, जो संविधान का विचार है। दूसरी तरफ आरएसएस का उलट विचार है। राहुल गांधी ने इसके आगे कहा था कि हमारे देश की लगभग हर संस्था पर आरएसएस ने कब्जा कर लिया है। हम अब सिर्फ बीजेपी और आरएसएस से नहीं, भारतीय राज्य व्यवस्था से भी लड़ रहे हैं।