लखनऊ। मुझे तोड़ लेना वनमाली, उस पथ पर देना तुम फेंक… मातृभूमि पर शीश चढ़ाने, जिस पथ जावें वीर अनेक… माखनलाल चतुर्वेदी की ये पंक्तियां चौरी-चौरा कांड के शताब्दी वर्ष महोत्सव पर गूंज उठेंगी जब वीर सपूतों की वीरगाथाओं को याद करते हुए उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में कार्यक्रमों का आयोजन होगा। यूपी संस्कृति विभाग की ओर से लखनऊ के राज्य ललित कला अकादमी में चौरी-चौरा (Chauri chaura) शताब्दी महोत्सव के अवसर पर मूर्तिशिल्प शिविर का शुभारंभ गुरुवार से किया जाएगा। पांच दिवसीय इस शिविर कार्यक्रम में प्रदेश के चुनिंदा 10 मूर्तिकार ‘स्वातंत्र्य वीर अर्चन’ विषय पर अपने हुनर का प्रर्दशन करेंगें।
प्रदेश के दस मूर्तिकार कैनवास पर उकेरेगें वीर सपूतों की गाथाएं
स्वातंत्र्य वीर अर्चन विषय पर आधारित पांच दिवसीय मूर्तिशिल्प शिविर कार्यक्रम में मूर्तिकार चौरी-चौरा, काकोरी कांड और स्वतंत्रता दिलाने वाले वीरों को कैनवास पर उकेरेगें। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि क्रांतिवीर रामकृष्ण खत्री के सुपुत्र उदय खत्री, लोक निर्माण विभाग के विशेष सचिव डॉ चन्द्र भूषण बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद रहेंगें।
राज्य ललित कला अकादमी के सचिव यशवंत सिंह राठौर ने बताया कि मूर्तिकारों द्वारा तैयार की गई इन मूर्तियों की प्रदर्शनी अकादमी परिसर में लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव से हमारी नई पीढ़ी को पराक्रम की गाथाएं देखने और सुनने को मिलेंगी। नई पीढ़ी को इससे प्रेरणा भी मिलेगी इसके साथ ही प्रदेश के मूर्तिकारों व शिल्पकारों की कला को उचित मंच भी मिलेगा।