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Chandrayaan 3: बच्चों ने नमाज पढ़कर मांगी चंद्रयान-3 के सफल होने की दुआ, भारतीय वैज्ञानिकों को दी बधाई, कही ये दिल छू देने वाली बात

नई दिल्ली। इन दिनों चंद्रयान-3 को लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार है। हर किसी को उस क्षण का इंतजार है, जब चंद्रयान -3 चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर लैंड करेगा। इसरो प्रमुख एम सोमनाथ के मुताबिक, कल (23 अगस्त)शाम 6: 30 बजे चंद्रयान -3 चंद्रमा पर लैंड करेगा। इससे पहले इसरो प्रमुख बयान जारी कर स्पष्ट कर चुके हैं कि अब तक की स्थिति पूरी तरह से दुरूस्त है। कहीं भी कोई विसंगति नहीं है। अगर सबकुछ जैसा है, वैसा ही चलता रहा है, तो वो पल दूर नहीं, जब हम कीर्तिमान स्थापित कर चुके होंगे। वहीं, चंद्रयान-3 को लेकर देशभर में उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है। खासकर विज्ञान समुदाय से जु़ड़े लोगों में उमंग का माहौल है। बता दें कि इससे पहले 2019 में चंद्रयान-2 भी इतिहास रचने से दो कदम ही दूर था, लेकिन किसी तकनीकी खामी की वजह से चूक हो गई, लेकिन अब हम अपनी पुरानी गलतियों से सीखकर इतिहास लिखने की मुद्रा में आ चुके हैं।

चंद्रयान-3 अब चांद से महज दो कदम ही दूर है। बहरहाल,अब चंद्रयान-3 की आगे की राह कैसी रहती है?  इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग को लेकर कहीं मंदिरों में पूजा हो रही है, तो कहीं मस्जिद में नमाज पढ़ी जा रही है। इस बीच लखनऊ के ईदगाह में बच्चों ने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए नमाज पढ़ी। इस बीच इमाम खालिद रशीद फिरंगी महली ने इस मून मिशन को लेकर जो कहा, उससे वाकिफ होने के बाद आप भी कहेंगे कि वाह क्या सोच है। आइए, आगे रिपोर्ट में आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है?

दरअसल, इमाम ने चंद्रयान-3 को लेकर कहा कि, ‘हमारे यहां आने वाले बच्चों विज्ञान पढ़ते हैं, इसलिए उनके जेहन में चंद्रयान-3 को लेकर जानने की आतुरता अपने चरम पर पहुंच चुकी है और वो उस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जब यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। इमाम ने कहा कि मैं वैज्ञानिकों को इसके लिए हार्दिक बधाई देता हूं। हमारे बच्चों ने इसके सफल लैंडिंग के लिए नमाज भी अदा की। ध्यान दें, अगर चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड हुआ, तो भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन जाएगा। बता दें कि हाल ही में रूस का लूना मिशन विफल हो गया जिससे रूस के वैज्ञानिकों का दिल टूट गया। फिलहाल, सभी को उस पल का इंतजार है, जब भारतीय वैज्ञानिक रचेंगे।

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