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चीनी कंपनियों के हाथों से फिसलता जा रहा है भारतीय बाजार में उसकी बनाई ठसक, 81% से घटकर रह गया इतना

नई दिल्ली। भारत और चीन में तनाव बढ़ता जा रहा है। जिसका असर देश में चीनी सामान पर पड़ रहा है, क्योंकि गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद देश में चीनी सामान के बहिष्कार की मांग बढ़ गई जिसके बाद सरकार ने चीनी एप्स पर प्रतिबन्ध लगा दिया। चीनी सामान के खिलाफ भारत में बनते माहौल का बड़ा असर स्मार्टफोन बाजार पर देखने को मिल रहा है।

काउंटरप्वाइंट रिसर्च के मुताबिक जून में खत्म हुई तिमाही के दौरान भारतीय समार्टफोन बाजार में चीन की कंपनियों की हिस्सेदारी घटकर 72 प्रतिशत आ गई है। इससे पहेल मार्च में खत्म तिमाही के दौरान चीनी कंपनियों की हिस्सेदारी रिकॉर्ड ऊंचाई 81 प्रतिशत थी। कोरोना की वजह से भारत में चीन के बने सामान का बहिष्कार बढ़ा है और इसी वजह से चीन को कंपनियों की भारतीय समार्टफोन बाजार पर पकड़ कमजोर हो रही है।

चीन की कंपनियों के खिलाफ बने इस माहौल का फायदा भारत में कोरिया की कंपनी सैमसंग को हो रहा है। अप्रैल-जून तिमाही के दौरान सैमसंग का मार्केट शेयर बढ़कर 26 प्रतिशत तक पहुंच गया है जो जनवरी से मार्च के दौरान घटकर 16 प्रतिशत तक आ गया था। चीन की कंपनियों में रियलमी और ओपो को ज्यादा नुकसान हुआ है।

अप्रैल-जून तिमाही में रियलमी का मार्केट शेयर घटकर 11 प्रतिशत तक आ गया है जो जनवरी-मार्च तिमाही में 14 प्रतिशत था और इस दौरान ओपो का मार्केट शेयर 12 प्रतिशत से घटकर 9 प्रतिशत तक आ गया है।

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