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Ashok Gehlot: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को हाईकोर्ट से मांगनी पड़ी माफी, वजह बना ये विवादित बयान

ashok gehlot Rajasthan

जयपुर। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को अपने एक विवादित बयान के लिए राजस्थान हाईकोर्ट से माफी मांगनी पड़ी है। अशोक गहलोत ने कोर्ट से कहा है कि जो कुछ भी बयान दिया था, वो उनके खुद के नहीं थे। गहलोत ने कोर्ट से कहा कि पहले भी कई जजों ने न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर बयान दिए हैं। राजस्थान के सीएम ने हाईकोर्ट में दाखिल जवाब में कहा है कि उन जजों के बयान का हवाला देते हुए अपनी बात कही थी। अगर बयान से न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंची है, तो माफी मांगते हैं। इस मामले में अब 7 नवंबर को सुनवाई होनी है। दरअसल, अशोक गहलोत ने 30 अगस्त 2023 को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए न्यायपालिका पर विवादित बयान दे दिया था।

अशोक गहलोत ने अपने बयान में कहा था कि न्यायपालिका में भयंकर भ्रष्टाचार हो रहा है। मैंने सुना है कि कई वकील जजमेंट लिखकर ले आते हैं। वही जजमेंट सुनाया जाता है। उन्होंने आगे कहा था कि चाहे निचली अदालत हो या ऊंची अदालत, ये क्या हो रहा है? अशोक गहलोत ने आगे कहा था कि हालात गंभीर हैं और देशवासियों को सोचना चाहिए। अशोक गहलोत के इस बयान से बखेड़ा खड़ा हो गया था। तमाम जगह वकीलों ने गहलोत के खिलाफ प्रदर्शन किए थे और कुछ वकीलों ने राजस्थान हाईकोर्ट में सीएम के खिलाफ याचिका भी दाखिल की थी। इसी पर हाईकोर्ट ने गहलोत को नोटिस जारी किया था। गहलोत ने अब इस मामले में माफी मांग ली है। अपने जवाब के साथ उनके वकील ने पूर्व में जजों की तरफ से भ्रष्टाचार पर दिए बयानों की कॉपी भी हाईकोर्ट को दी है।

बीजेपी नेता और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गहलोत पर निशाना साधते हुए उनको नसीहत दी है।

इधर, इस मामले में बीजेपी ने गहलोत पर निशाना साधा है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि गहलोत ने आखिर न्यायपालिका पर टिप्पणी की ही क्यों कि अब उनको माफी मांगनी पड़ रही है। मेघवाल ने कहा कि खेद का विषय है कि सीएम अशोक गहलोत ने न्यायपालिका पर इस तरह की टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक पद पर बैठे लोगों को इस तरह की टिप्पणियों से बचना चाहिए।

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