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Himachal Pradesh: CM सुक्खू ने OPS बहाल करने का किया ऐलान, अब सरकार पर पड़ेगा इतने लाख रुपए का अतिरिक्त वित्तीय बोझ

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नई दिल्ली। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने यह ऐलान अपनी कैबिनेट बैठक खत्म करने के बाद किया है। बता दें कि कांग्रेस ने प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान ही प्रचार में ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने का वादा किया था। कांग्रेस ने बाकायदा अपने घोषणापत्र में भी ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने की बात कही थी। जिसे आज अपनी पहली कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री ने बहाल कर दिया है। ऐसा करके कांग्रेस ने अपना वादा पूरा कर दिया। बता दें कि हिमाचल प्रदेश ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने वाला पांचवां राज्य बन गया है। इससे पहले छत्तीसगढ़, पंजाब और झारखंड इस स्कीम को लागू कर चुके हैं। इस स्कीम के बहाल होने के बाद प्रदेश के डेढ़ लाख बुजुर्गों को आर्थिक मोर्चे पर फायदा पहुंचेगा। इस स्कीम के बहाल होने की जानकारी खुद सीएम सुक्खू ने अपने ट्विटर हैंडल पर दी है।

ध्यान रहे कि साल 2003 में ओल्ड पेंशन स्कीम को वापस ले लिया गया था। जिसका बड़े पैमाने पर विरोध किया गया। लोगों ने सरकार से इस स्कीम को बहाल करने की मांग की, लेकिन तत्कालीन सरकार द्वारा इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया। इसी बीच जब चुनाव ने दस्तक दी तो कांग्रेस ने इसका सियासी मोर्चे पर भरपूर फायदा उठाया और चुनाव प्रचार के दौरान प्रदेशवासियों को आश्वास्त किया कि अगर कांग्रेस की सरकार आई, तो ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल कर दिया जाएगा। वहीं अब सीएम सुक्खू ने इस स्कीम को बहाल करके कांग्रेस द्वारा किया वादा पूरा कर दिया है। इस फैसले से लाखों लोगों को फायदा पहुंचे जाने की बात कही जा रही है, लेकिन इससे आर्थिक मोर्चे पर 800 से 900 करोड़ रूपए अतिरिक्त बोझ पड़ने की संभावना जताई जा रही है।

हालांकि, वर्तमान सरकार के लिए ओपसीएस लागू करने की राह आसान नहीं थी। कई दुश्वारियां मुंह बाए खड़ी थी, लेकिन उन तमाम दुश्वारियों को मात देकर सरकार ने ओपीएस को बहाल करने का फैसला किया है। अब सरकार के इस फैसले का प्रदेश के आर्थिक मोर्चे पर क्या असर पड़ता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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