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UP assembly Bypolls: यूपी की 10 विधानसभा सीटों के उप चुनाव के मसले पर बीजेपी नेतृत्व की आज अहम बैठक, सीएम योगी समेत ये नेता तय करेंगे एक-एक प्रत्याशी; जानिए ये चुनाव पार्टी के लिए क्यों हैं अहम?

नई दिल्ली। यूपी में करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, मीरापुर और खैर विधानसभा सीट पर उप चुनाव होने हैं। इसके लिए प्रत्याशी के नाम तय करने की खातिर बीजेपी की आज अहम बैठक है। इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और योगी सरकार में 2 डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक हिस्सा लेने वाले हैं। बीजेपी की ये बैठक इसलिए अहम है, क्योंकि उसकी मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इन 10 सीटों में से 6 पर पहले ही प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया है। समाजवादी पार्टी के लिए भी ये उप चुनाव नाक के बाल का सवाल बना है।

 

जानकारी के मुताबिक यूपी की 10 विधानसभा सीट पर उप चुनाव के संदर्भ में योगी आदित्यनाथ ने यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और अन्य नेताओं के साथ बैठक की थी। इस बैठक में 3-3 प्रत्याशियों के नाम तय किए गए। इन प्रत्याशियों की लिस्ट से अब दिल्ली की बैठक में फाइनल प्रत्याशी चुने जाएंगे। बीजेपी के सूत्रों के अनुसार 10 सीट में से बीजेपी अपने सहयोगियों को भी हिस्सा देगी। यूपी की जिन 10 विधानसभा सीट पर उप चुनाव होने हैं, उनमें से 5 सीसामऊ, कटेहरी, कुंदरकी, करहल और मिल्कीपुर सपा ने जीती थीं। निषाद पार्टी ने भी 1 सीट जीती थी। बाकी सीटें बीजेपी के पास थीं। अब बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच टक्कर इसकी है कि 10 सीटों पर जीत कौन हासिल करता है।

 

लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने यूपी में जबरदस्त प्रदर्शन किया था। समाजवादी पार्टी ने यूपी में लोकसभा की 80 में से 37 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, बीजेपी को सिर्फ 33 सीट पर ही जीत हासिल हुई थी। अब बीजेपी उप चुनाव में सभी 10 सीट जीतकर समाजवादी पार्टी की जो साख बनी, उसे निश्चित तौर पर तोड़ना चाहेगी। वहीं, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी भी इन सभी सीटों को हासिल कर ये साबित करना चाहेगी कि यूपी में बीजेपी को जनता पसंद नहीं कर रही। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद अखिलेश यादव ने यही नैरेटिव चला भी रखा है। साथ ही जिन 10 विधानसभा सीट पर उप चुनाव होना है, उनकी जीत और हार की गूंज 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में भी सुनाई दे सकता है। इसी वजह से बीजेपी और समाजवादी पार्टी के लिए ये इज्जत का सवाल भी बन गया है।

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