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CM Yogi: एक्शन में सीएम योगी का बुलडोजर, BSP नेता के 50 करोड़ की इमारत को किया ध्वस्त 

cm yogi buldozar

नई दिल्ली। किसने सोचा था कि महज गगनचुंबी मानवीय इमारतों को ध्वस्त करने वाली बुलडोजर एक दिन सियासी इमारतों को भी ध्वस्त करेगी। किसने सोचा था कि महज अवैध निर्माण को जमीदोंज करने वाली बुलडोजर एक दिन राजनेताओं के बीच चर्चा का विषय बन जाएगी। बिल्कुल सही कहा आपने। किसी ने नहीं सोचा था। लेकिन विगत दिनों उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बुलडोजर को लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार दिखा। योगी आदित्यनाथ बाबा बुलडोजर के नाम से विख्यात हो गए। चुनावी जलसों में लोग बुलडोजर लेकर आने लगे। बुलडोजर को लेकर कसीदे कढ़े जाने लगे। शायद यह कहना गलत न होगा कि यह चुनाव बुलडोजर के ईर्द गिर्द ही लड़ा गया। जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ के सिर जीत का सेहरा पहनाया गया और वे एक बार फिर से प्रदेश की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हो गए। लेकिन मुख्यमंत्री बन जाने के बाद भी उनका बुलडोजर को लेकर शुरू हुई चर्चा का बयार थमने का नाम नहीं ले रही है।Government's Bulldozer Ran On BSP Leader's Apartment In Lucknow | Lucknow में BSP नेता के अपार्टमेंट पर चला सरकार का बुलडोजर, जानें क्या है पूरा मामला

सीएम योगी की अगुवाई में लगातार बुलडोजर का सहारा लेकर अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जा रहा है। इसी बीच खबर है कि आज यानी की बुधवार को राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में बीएसपी नेता की अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया था। लखनऊ विकास प्राधिकरण का कहना है कि कई बार बिल्डर्स याजदान को नोटिस जारी किया गया। लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं आने पर बिल्डिंग को ध्वस्त करने जैसा कदम उठाया गया। ध्वस्त की गई इमारत की कीमत तकरीबन 50 करोड़ बताई जा रही है। आज सुबह ही अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया है। यह इमारत बीएसपी नेता फहद याजदान की है, जो रानजीति करने के साथ-साथ रियल स्टेट का कारोबार में भी संलिप्त हैं। उनकी एक कंपनी है, नाम है याजदान बिल्डर्स। कथित तौर पर पिछले कई दिनों से लखनऊ स्थित उनके अवैध निर्माण को ध्यान में रखते हुए कई बार उन्हें नोटिस जारी किया गया था, लेकिन कोई जवाब नहीं आने पर आज यानी की बुधवार सुबह अवैध निर्माण को0 जमींदोज करने की कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।

वहीं, कंपनी के मालिक व बीएसपी नेता का कहना है कि प्रशासन की तरफ कोई भी नोटिस जारी नहीं किया गया था। हमें कभी यह बात नहीं कही गई कि यह बिल्डिंग अवैध है। उधर, याजदान बिल्डर के वकील ने मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में कहा कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। हमें कोई भी नोटिस नहीं जारी किया गया था। फिलहाल हमें कोर्ट के फैसले के इंतजार है। वहीं, अगर बात करें,  बीएसपी  नेता याजदान की तो वो  विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं और फिलहाल सियासी मसलों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं।

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