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Madhya Pradesh: गोकशी के मुद्दे पर मध्यप्रदेश के दमोह में सांप्रदायिक तनाव, दो पक्षों में मारपीट, धार्मिक नारेबाजी

पुलिस के मुताबिक मारपीट के बाद दोनों तरफ से लोग जुटे। धार्मिक नारेबाजी होने लगी। कुछ लोगों ने कोतवाली के बाहर और अंदर जाकर भी हंगामा कर दिया। हालात कंट्रोल से बाहर जाते देखकर पुलिस ने बड़े अफसरों को जानकारी दी। जिसके बाद तमाम थानों से बड़ी तादाद में पुलिसकर्मियों को घटनास्थल पर भेजा गया।

damoh communal violence 1

दमोह। मध्यप्रदेश का दमोह बुधवार को सांप्रदायिक तनाव का गवाह बना। बुधवार शाम से रातभर यहां गोकशी के मुद्दे पर हंगामा चलता रहा। दो समुदाय के लोगों के बीच मारपीट की भी खबर है। हिंदू संगठनों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि उसकी शह पर दमोह में गोकशी का काम चल रहा है। हालात बिगड़ते देख कई थानों की पुलिस बुलानी पड़ी। फिर हालात कंट्रोल किया जा सका। दमोह के एडिशनल एसपी शिवकुमार सिंह ने कहा है कि जांच जारी है। इसके बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के मुताबिक दमोह रेलवे स्टेशन के पास कुछ लोग गाय ले जा रहे थे। वे गाय को खींचकर ले जा रहे थे। ये देखकर हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने रोक लिया। फिर बहस शुरू हुई और मारपीट भी होने लगी।

पुलिस के मुताबिक मारपीट के बाद दोनों तरफ से लोग जुटे। धार्मिक नारेबाजी होने लगी। कुछ लोगों ने कोतवाली के बाहर और अंदर जाकर भी हंगामा कर दिया। हालात कंट्रोल से बाहर जाते देखकर पुलिस ने बड़े अफसरों को जानकारी दी। जिसके बाद तमाम थानों से बड़ी तादाद में पुलिसकर्मियों को घटनास्थल पर भेजा गया। पुलिस की मौजूदगी में भी हंगामा होने की खबर है। हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया है कि कसाई इस इलाके में गुंडागर्दी प उतारू हैं। अगर इनके खिलाफ कार्रवाई न की गई, तो हालात बिगड़ने की चेतावनी संगठनों ने दी है।

बता दें कि पिछले दिनों ही गुजरात, महाराष्ट्र, बंगाल और बिहार में रामनवमी और हनुमान जयंती के मौके पर जमकर सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। मध्यप्रदेश के कई शहर भी पहले सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलस चुके हैं। मध्यप्रदेश में इस साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में सरकार के सामने सांप्रदायिक तनाव और हिंसा को रोकने की बड़ी चुनौती है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक सभी संवेदनशील शहरों और इलाकों पर गहन नजरदारी रखी जा रही है। ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति को रोका जा सके।

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