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Congress Did Not Gave Name Of Shashi Tharoor: ऑपरेशन सिंदूर पर विदेश भेजे जाने वाले दल के लिए कांग्रेस ने नहीं दिया था शशि थरूर का नाम, यूजर्स ने पूछा- ऐसा क्यों?

Congress Did Not Gave Name Of Shashi Tharoor: शशि थरूर लगातार मोदी सरकार का पक्ष लेकर पाकिस्तान और वहां के आतंकी संगठनों की कारगुजारियों की बात कह रहे हैं। विपक्ष की तरफ से शशि थरूर और असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान को जमकर लानत भेजी। शशि थरूर लगातार ये भी बताते रहे कि पाकिस्तान किस तरह भारत के सामने संघर्ष रोकने के लिए गिड़गिड़ाया। साथ ही शशि थरूर ने ये भी कहा कि अमेरिका के दबाव में भारत ने पाकिस्तान से सैन्य संघर्ष नहीं रोका।

Shashi tharoor

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने फैसला किया है कि भारत के सांसदों और राजनयिकों का दल अलग-अलग देशों में जाकर बताएगा कि भारत को आखिर ऑपरेशन सिंदूर क्यों चलाना पड़ा। इसके लिए मोदी सरकार ने 7 सांसदों का चयन किया है। जिसमें कांग्रेस के शशि थरूर, बीजेपी के रविशंकर प्रसाद, जेडीयू के संजय कुमार झा, बीजेपी के बैजयंत जय पांडा, डीएमके की कनिमोझी, एनसीपी की सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीकांत शिंदे हैं। खास बात ये है कि मोदी सरकार ने जब कांग्रेस से प्रतिनिधिमंडल के लिए 4 नाम देने को कहा, तो पार्टी ने शशि थरूर का नाम ही नहीं भेजा। कांग्रेस के महासचिव और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट कर बताया है कि उनकी पार्टी ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नासिर हुसैन और राजा बरार का नाम सरकार को भेजा था। जयराम रमेश के इस ट्वीट पर यूजर्स ये सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कांग्रेस ने शशि थरूर का नाम क्यों नहीं भेजा था?

इस बीच, शशि थरूर ने कहा है कि सरकार की तरफ से सांसदों के दल का नेतृत्व करने का जिम्मा मिलने से वो सम्मानित महसूस कर रहे हैं। शशि थरूर ने ये भी लिखा है कि जब भी राष्ट्रीय हित के लिए उनकी सेवा की जरूरत हो, उनकी तलाश नहीं करनी पड़ेगी।

ऑपरेशन सिंदूर की बात करें, तो शशि थरूर लगातार मोदी सरकार का पक्ष लेकर पाकिस्तान और वहां के आतंकी संगठनों की कारगुजारियों की बात कह रहे हैं। विपक्ष की तरफ से शशि थरूर और असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान को जमकर लानत भेजी। शशि थरूर लगातार ये भी बताते रहे कि पाकिस्तान किस तरह भारत के सामने संघर्ष रोकने के लिए गिड़गिड़ाया। साथ ही शशि थरूर ने संयुक्त राष्ट्र में अपने अनुभव के आधार पर ये भी कहा कि अमेरिका के दबाव में भारत ने पाकिस्तान से सैन्य संघर्ष नहीं रोका। इसके बावजूद कांग्रेस की तरफ से उनका नाम मोदी सरकार को न भेजे जाने से साफ है कि पार्टी थरूर से नाराज है। हालांकि, मोदी सरकार ने सांसदों के दल में सबसे ऊपर शशि थरूर का ही नाम रखा है।

शशि थरूर पहले ही कह चुके हैं कि अगर पार्टी के पास उनके लिए कोई काम नहीं है, तो और भी काम वो कर सकते हैं। शशि थरूर इससे भी नाराज बताए जाते हैं कि अहम मसलों पर उनको कांग्रेस ने लोकसभा में बोलने नहीं दिया। साथ ही केरल कांग्रेस की दशा सुधारने के उनके सुझावों को भी दरकिनार किए जाने की खबर आई थी। शशि थरूर ने इन सब मसलों पर राहुल गांधी से मुलाकात कर अपनी बात भी रखी थी। अब जयराम रमेश के एक्स पर पोस्ट से साफ हो गया है कि कांग्रेस का नेतृत्व शशि थरूर से नाराज है। चर्चा इसकी भी है कि शशि थरूर को कांग्रेस से निकाला भी जा सकता है।

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