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India-China Clash: ‘कितनी चीनी कंपनियों ने चंदा दिया..’ अमित शाह के आरोप पर कांग्रेस ने किया पलटवार

adhir ranjan chowdhury and Ghulam

नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई। बताया जा रहा है कि 09 दिसंबर को दोनों की सेना आमने-सामने आ गई। तवांग झड़प में भारतीय सेना ने चीन को मुहंतोड़ जवाब दिया और करीब 300 से अधिक चीनी सैनिकों को अपने सीमा पर वापस जाने पर मजबूर कर दिया। इस झड़प में भारत ने चीन को भारी नुकसान पहुंचाया है खबरों के मुताबिक, इस झड़प में चीन के 20 से अधिक सैनिक घायल हुए है। तवांग में हुई झड़प के बाद दोनों देशों के बीच फिर से तनाव की स्थिति देखने को मिल रही है। वहीं तवांग सेक्टर में भारत और चीन की सेना के बीच हुई झड़प को लेकर देश में राजनीति भी शुरू हो गई है। विपक्ष दलों ने तवांग झड़प को लेकर संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया और सरकार पर निशाना साधा। इसी बीच मंगलवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने तवांग झड़प को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में जवाब दिया। उन्होंने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस झड़प में सेना ने चीन को करारा जवाब दिया और इस झड़प में भारतीय सेना का कोई भी जवान न तो शहीद हुआ और न ही गंभीर रूप से घायल।

वहीं तवांग झड़प के बीच गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस को लेकर बड़ा बयान दिया है। जिसको लेकर अब वार और पलटवार का दौर शुरू हो गया है। दरअसल अमित शाह ने भारत और चीन मसले पर संसद में हंगामा करने पर अपना रोष जाहिर किया। इसी दौरान उन्होंने कांग्रेस और गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए राजीव गांधी फाउंडेशन को लेकर बड़ा बयान। उन्होंने राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से पैसा मिलने का आरोप लगाया है। मीडिया से बात करते हुए अमित शाह ने कहा, गांधी परिवार द्वारा चलाया जा फाउंडेशन, उसका FCRA राजिस्ट्रेशन चीन से मिले दूतावास के अनुदान से समाप्त हुआ है।

अब अमित शाह के इस बयान पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने पलटवार किया है। अधीर रंजन चौधरी ने अमित शाह के आरोप पर कहा, एक बार पीएम केयर फंड का जायजा लिया जाए। पीएम केयर फंड में जो पैसा दिया गया है उनका लिस्ट निकाली जाए और देख जाए इसमें कितने चीन कंपनियों ने फंड डाला है। आगे अधीर रंजन ने कहा कि, जब लोकसभा और राज्यसभा में रक्षामंत्री तवांग झड़प पर बयान देंगे तो अमित शाह ने किस हैसियत से पहले बयान दिया। कि तवांग में कुछ नहीं हुआ। वो क्या खुद रक्षा मंत्री है।

आगे उन्होंने कहा, रक्षा मंत्री हिंदुस्तान वो खुद की रक्षा नहीं कर पा रहे है। रक्षामंत्री अपने अधिकार को नहीं जमा पा रहे है। इसका मतलब रक्षामंत्री के पास खुद अपनी रक्षा करने के लिए हथियार नहीं है। तो देश को कैसे रक्षा करेंगे। रक्षा मंत्री अपनी कुर्सी छोड़ दे और गृह मंत्री को दोनों कुर्सी दे देना चाहिए।

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