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सचिन पालयट के बाद क्या अब जितिन प्रसाद कांग्रेस को बोलेंगे बाय-बाय?

जितिन प्रसाद ने ट्वीट में लिखा है, 'सचिन पायलट सिर्फ मेरे साथ काम करने वाले शख्स नहीं, बल्कि मेरे दोस्त भी हैं। कोई इस बात को नहीं नकार सकता कि इन दिनों उन्होंने पूरे समर्पण के साथ पार्टी के लिए काम किया है। उम्मीद करता हूं कि ये स्थिति जल्द सुधर जाएगी, दुखी भी हूं कि ऐसी नौबत आई।'

नई दिल्ली। राजस्थान में जारी सियासी सकंट के बीच कांग्रेस पार्टी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष पद और उपमुख्यमंत्री के पद से हटा दिया है। इन सबके बीच यूपी कांग्रेस के युवा चेहरे और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद सचिन पायलट के समर्थन में आ गए हैं। जितिन प्रसाद ने जिस अंदाज में पायलट का साथ दिया है, उससे अब ये अटकलें लगने लगी हैं कि वो भी पायलट के अंदाज में ही कांग्रेस का दामन छोड़ सकते हैं।

जितिन प्रसाद ने ट्वीट में लिखा है, ‘सचिन पायलट सिर्फ मेरे साथ काम करने वाले शख्स नहीं, बल्कि मेरे दोस्त भी हैं। कोई इस बात को नहीं नकार सकता कि इन दिनों उन्होंने पूरे समर्पण के साथ पार्टी के लिए काम किया है। उम्मीद करता हूं कि ये स्थिति जल्द सुधर जाएगी, दुखी भी हूं कि ऐसी नौबत आई।’

इससे पहले सचिन पायलट ने ट्वीट किया, ‘सत्‍य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं।’

बता दें कि पूर्व में केंद्र सरकार के मंत्री रहे जितिन प्रसाद को यूपी कांग्रेस के कद्दावर चेहरे के रूप में जाना जाता है। जितिन प्रसाद उन युवा नेताओं में से एक हैं, जिन्हें राहुल गांधी का बेहद खास कहा जाता रहा है। यूपीए की सरकार में केंद्र सरकार के मंत्री रहे जितिन प्रसाद को कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बेहद करीबी माना जाता है।

इसके पहले कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने पार्टी की बैठक के बाद मीडिया को बताया, “भाजपा ने राजस्थान की जनता द्वारा चुनी गई कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची। भाजपा ने सत्ता, ईडी, और आयकर विभाग का दुरुपयोग कर कांग्रेस के विधायकों और निर्दलीय विधायकों को खरीदने की कोशिश की। मुख्यमंत्री गहलोत ने विधायकों को खरीदने के लिए की गई कोशिशों के बारे में बताया है।”

उन्होंने कहा, “पिछले 72 घंटों के दौरान राहुल गांधी के नेतृत्व के तहत कांग्रेस नेताओं ने पायलट और उनके खेमे के अन्य मंत्रियों और विधायकों से लगातार संपर्क करने की कोशिश की। कांग्रेस नेतृत्व ने पायलट से कई बार बात करने की कोशिश की। कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल ने भी कई बार उनसे बात की, लेकिन वह बैठक में नहीं आए।”

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