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जो बाइडेन की मदद से J&K में आर्टिकल-370 लागू करवाएंगे कांग्रेस नेता, दिया ये विवादित बयान

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नई दिल्ली। अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन के हाथों में सत्ता जाने के बाद भारत में भी सियासी पारा आसमान पर जा पहुंचा है। बाइडेन के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद कांग्रेस को उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर में बाइडेन की मदद से दोबारा आर्टिकल 370 लागू हो सकेगा। आपको बता दें कि  इसको लेकर जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस नेता जहांजेब सिरवाल ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि वे अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन की मदद से जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल-370 को वापस लागू करवाएंगे। सिरवाल ने यह विवादित बयान उस समय दिया, जब वे जो बाइडेन और कमला हैरिस को जीत की बधाई दे रहे थे। कांग्रेस के युवा नेता जहांजेब सिरवाल ने कहा, ”मैं जो बाइडेन और कमला हेरिस को जीत की बधाई देता हूं। यह कोई व्यक्तिगत जीत नहीं है, यह एक विचारधारा की जीत है। यह एक लोकतंत्र की जीत है। जहां तक भारत और जम्मू-कश्मीर की बात है, इससे सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह साफ है उनकी जीत से इस्लामोफोबिया में कमी आएगी।”

बाइडेन से उम्मीद लगाते हुए कांग्रेसी नेता ने कहा कि, “जो बाइडेन के पुराने बयानों से लगता है कि वे भारत सरकार पर दबाव बनाएंगे और सरकार आर्टिकल-370 और 35-ए को वापस लागू करेगी। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अलोकतांत्रिक तरीके से आर्टिकल-370 को हटाया था। इससे इस्लोफोबिया में भी कमी आएगी।”

इसके अलावा देश के पूर्व पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर में फिर से धारा 370 लगाने की वकालत की थी। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा था कि मोदी सरकार के 5 अगस्त 2019 के असंवैधानिक फैसले को रद्द किया जाना चाहिए। चिदंबरम ने अनुच्छेद 370 हटाने को गलत करार देते हुए ट्वीट किया था कि ‘जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की क्षेत्रीय पार्टियों का जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लोगों के अधिकारों को बहाल करने के लिए संवैधानिक लड़ाई लड़ने के लिए एक साथ आना ऐसा घटनाक्रम है, जिसका सभी लोगों द्वारा स्वागत किया जाना चाहिए।’

इसके अलावा लोकसभा में धारा 370 के हटाए जाने का विरोध करते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी इस हद तक आगे निकल गए थे कि खुद सोनिया गांधी बेचैन नजर आने लगीं थी। अधीर रंजन चौधरी ने गृह मंत्री से यह सवाल पूछ लिया था कि जिस कश्मीर को लेकर शिमला समझौते और लाहौर डिक्लेरेशन हुआ है और जिस कश्मीर को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो को कहा है कि कश्मीर द्विपक्षीय मामला है तो ऐसे में यह एकपक्षीय कैसे हो गया। आपने अभी कहा कि कश्मीर अंदरूनी मामला है, लेकिन यहां अभी भी संयुक्त राष्ट्र 1948 से मॉनिटरिंग करता आ रहा है। यह हमारा आंतरिक मामला कैसे हो गया? उन्होंने कहा था कि सरकार 1994 में पास हुए प्रस्ताव कि पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग इस पर अपना रुख साफ करे। उन्होंने कहा था कि सरकार ने सभी नियमों का उल्लंघन करके दो केंद्र शासित प्रदेश बना दिए हैं।

आर्टिकल 370 को हटाने के कांग्रेस की तरफ से पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इसपर अपनी राय देते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा था। उस वक्त राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा था कि, ”जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटकर, देश का एकीकरण नहीं किया जा सकता। देश उसकी जनता से बनता है न कि जमीन के टुकड़ों से। सरकार द्वारा शक्तियों का दुरुपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए घातक साबित होगा।” बता दें कि राहुल गांधी अक्सर आर्टिकल 370 के हटने को लेकर कहते रहे हैं कि, मोदी सरकार के इस कदम से जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ अन्याय हुआ है।

बता दें कि ऐसे कई मौके आए हैं, जब जम्मू-कश्मीर के नेता आर्टिकल-370 को वापस लागू करने की मांग कर चुके हैं। इसमें उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती समेत कई नेता आर्टिकल-370 को फिर से लागू करने की बात कह चुके हैं। जम्मू-कश्मीर से पिछले साल अगस्त में आर्टिकल 370 को हटा दिया गया था। 5 अगस्त, 2019 को ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शाषित प्रदेश में बांट दिया था।

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