वाराणसी। यूपी के वाराणसी में एक चर्च में लिखी बातों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस चर्च का नाम सेंट मेरीज चर्च है। वाराणसी के कैंट इलाके के पटेलनगर में सेंट मेरीज चर्च है। ये कैथोलिक ईसाइयों का चर्च है। साल 1946 में ये चर्च बना था। विवाद इसलिए खड़ा हुआ है, क्योंकि चर्च की बाहरी दीवारों पर मंदिर को लेकर तमाम बातें लिखी हैं। इनमें कलुष यानी गंदगी, मंदिर का शुद्धिकरण जैसी बातें हैं। इन बातों को आधार बनाकर हिंदूवादी संगठन और संत काफी नाराज हैं। चर्च में लिखी इन बातों की शिकायत पुलिस से की गई है।
हिंदूवादी संगठनों का आरोप है कि चर्च में जो मंदिर वगैरा लिखा गया है, वो हिंदुओं के पूजास्थल के बारे में है। हिंदू संगठन सनातन भारत संस्था के कार्यकर्ताओं ने चर्च के खिलाफ कैंट थाने के बाहर प्रदर्शन भी किया। संगठन के राजन गुप्ता ने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत से कहा कि चर्च के बाहर जो भी लिखा है, वो आपत्तिजनक है। इसपर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए। सनातन भारत संस्था ने पुलिस से मांग की है कि सेंट मेरीज चर्च के फादर को गिरफ्तार किया जाए। अखिल भारतीय संत समिति के प्रमुख आचार्य जीतेंद्रानंद सरस्वती ने इस मामले को हिंदू विरोधी टूलकिट का हिस्सा बताया है।
#EXCLUSIVE: काशी के चर्च में ‘हिंदू विरोधी’ स्लोगन? सनातन से साजिश के आरोप..कितना दम?
वाराणसी से देखिए, संवाददाता @Ashutos10599574 की रिपोर्ट@iamdeepikayadav #UttarPradesh #Varanasi #Church #Hindu pic.twitter.com/lyCIMVCRAB
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) January 24, 2023
उधर, सेंट मेरीज चर्च के फादर थॉमस ने चर्च में लिखी बातों का हिंदुओं से कोई संबंध होने से इनकार किया है। उनका कहना है कि पहले ईसाई पूजास्थलों को चर्च की जगह टेंपल यानी मंदिर कहा जाता था। ऐसे ही एक टेंपल का उदाहरण देते हुए उन्होंने सफाई पेश की है। हालांकि, मामले ने तूल पकड़ा है और फादर थॉमस की बातों से हिंदूवादी संगठन संतुष्ट नहीं हैं। उनका आरोप है कि ये भी धर्मांतरण कराने का एक तरीका है। कुल मिलाकर आने वाले दिनों में सेंट मेरीज चर्च का ये विवाद और गहराने के आसार दिख रहे हैं।