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Vikram-S Launching: लॉन्च हुआ देश का पहला प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस, कई मायनों में खास है ये रॉकेट

नई दिल्ली।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने नया आयाम गढ़ दिया है। आज इसरो ने देश का पहला प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस लॉन्च कर दिया है। इस रॉकेट की लॉन्चिंग आज 11.30 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में हुई है। ये पल देश के हर देशवासी के लिए गर्व का पल है। खास बात ये है कि पहले स्वदेशी प्राइवेट रॉकेट की लॉन्चिंग अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस ने की है और इसी कंपनी ने ही रॉकेट को बनाया है। बता दें पहले रॉकेट की लॉन्चिंग 15 नवंबर को होने वाली थी लेकिन खराब मौसम के चलते समय को बदलकर 18 नवंबर का दिन चुना गया।

कई मायनों में खास है विक्रम-एस लॉन्च

इस मिशन को स्काईरूट एयरोस्पेस ने प्रारंभ नाम दिया है। प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस लॉन्च कई मायनों में खास है। इसका वजन करीब 545 किग्रा है। साथ ही रॉकेट समंदर में गिरने से पहले 101 किमी की धरती से आसमान की तक ऊंचाई हासिल करने की क्षमता रखता है। इस पूरे प्रकरण को पूरा करने में रॉकेट को 300 सेकेंड का समय लगेगा। इसके अलावा ये दुनिया के उन 6 मीटर लंबे रॉकेट्स में से एक है जिसमें घुमाव की स्थिरता के लिए 3-डी प्रिंटेड ठोस प्रक्षेपक शामिल है। विक्रम-एस में  तीन पेलोड्स भी भेजे गए हैं। जिसमें आंध्र प्रदेश के स्टार्ट-अप एन-स्पेस टेक, चेन्नई के स्टार्टअप स्पेस किड्ज और आर्मेनियाई स्टार्ट-अप बाजूमक्यू स्पेस रिसर्च के पेलोड्स शामिल हैं। इसमें से दो घरेलू और एक विदेशी है।

कई नए प्रोजेक्ट्स पर नासा के साथ काम कर रहा इसरो

कंपनी अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस ने लॉन्चिंग से पहले कहा था कि अगर इस रॉकेट की लॉन्चिंग को सफलता मिलती है तो इस सीरीज के दूसरे रॉकेट को भी मान्यता मिल जाएगी। बता दें कि विक्रम-एस को लेकर इसरो और स्काईरूट कंपनी के बीच एक एमओयू साइन हुआ है। इसके अलावा कंपनी ने बताया कि बहुत सारी ऐसी कंपनियां हैं जो सैटेलाइट और रॉकेट बनाने की दिशा में काम कर रही हैं। जल्द ही नासा और इसरो मिलकर कुछ नए प्रोजेक्ट्स को सामने लाने वाले हैं।

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