नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन द्वारा तीन मामलों में दायर जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने दिल्ली के दंगों में उनकी सक्रिय भूमिका के सबूत के आधार पर याचिकाओं को खारिज कर दिया और यह भी कहा कि उन्होंने धन और अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए ‘सरगना’ की तरह हिंसा की योजना बनाई। कड़कड़डूमा जिला अदालत (Karkardooma court) ने पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) की जमानत अर्जी खारिज कर दी। दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) से जुड़े तीन मामलों में उनके लिए जमानत की मांग की गई थी। कोर्ट ने ताहिर हुसैन की याचिका को यह कहकर खारिज कर दिया कि वह 8 अन्य मामलों में आरोपी हैं और जमानत मिलने पर गवाहों के साथ छेडछाड़ कर सकते हैं। ऐसे में हिंसा की जांच को भी प्रभावित किया जा सकता है, इसलिए अभी उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है।
दिल्ली पुलिस का दावा है कि ताहिर हुसैन ने पूछताछ में बताया, ‘मेरे जानकार खालिद सैफी ने कहा कि तुम्हारे पास राजनीतिक पावर और पैसा दोनों है, जिसका इस्तेमाल हिंदुओं के खिलाफ और कौम के लिए करेंगे। मैं इसके लिए हमेशा तैयार रहूंगा। कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद खालिद सैफी मेरे पास आया। उसने कहा कि इस बार अब हम चुप नहीं बैठेंगे। इसी बीच राम मंदिर के फैसले के साथ सीएए भी आ गया। अब मुझे लगा कि पानी सिर से ऊपर जा चुका है। अब तो कुछ कदम उठाना पड़ेगा।’
दिल्ली पुलिस के दावे के अनुसार ताहिर हुसैन के कबूलनामे के मुताबिक, ‘8 जनवरी को खालिद सैफी ने मुझे जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद से शाहीन बाग में पीएफआई के दफ्तर में मिलवाया था। जहां उमर खालिद ने बोला कि वह मरने-मारने को राजी है। वहीं, खालिद सैफी ने कहा कि पीएफआई का सदस्य दानिश हिंदुओं के खिलाफ जंग में हमारी पूरी फाइनेंशियल मदद करेगा।’ साथ ही ताहिर ने बताया कि पीएफआई के दफ्तर में उन्होंने प्लान बनाया कि दिल्ली में कुछ ऐसा करेंगे, जिससे यह सरकार हिल जाए। इसके बाद वह CAA वापस ले लेगी। खालिद सैफी का काम लोगों को भड़का कर सड़कों पर उतारने का था।
इस पूरे मामले में स्पेशल सेल की सबसे बड़ी जांच में जिन 15 लोगों को फिलहाल यूएपीए के तहत आरोपी बनाया गया है उनके नाम हैं, अब्दुल खालिद सैफ़ी, ताहिर हुसैन, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलिशा, सफूरा जरगर, शफ़ा उर रहमान, आसिफ इक़बाल तन्हा, शादाब अहमद, नताशा नरवाल, देवांगना कलिता, तस्लीम अहमद, सलीम मालिक, सलीम खान और अतहर खान।