नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उनको नियम के तहत सीएम आवास भी खाली करना है। सीएम आवास खाली करने के लिए अरविंद केजरीवाल के पास 15 दिन का वक्त है। हालांकि, दिल्ली सरकार का आवास विभाग चाहे, तो इस अवधि को लेफ्टिनेंट गवर्नर की मंजूरी से बढ़ा सकता है। फिलहाल आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल एक हफ्ते में ही दिल्ली का सीएम आवास खाली कर देंगे। संजय सिंह का ये दावा भले हकीकत बन जाए, लेकिन दिल्ली के सीएम आवास में हुए महंगे रेनोवेशन के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल को भविष्य में मुश्किल का सामना भी करना पड़ सकता है।
दरअसल, दिल्ली के सीएम आवास का अरविंद केजरीवाल ने रेनोवेशन कराया था। इस रेनोवेशन में करोड़ों की रकम खर्च हुई। जिसका खुलासा मीडिया ने किया था। इसके बाद ही बीजेपी ने दावा किया था कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सीएम आवास के रेनोवेशन पर 45 करोड़ खर्च किए। बीजेपी ने ये आरोप भी लगाया था कि सीएम आवास में अरविंद केजरीवाल ने 8-8 लाख रुपए की कीमत का एक पर्दा लगवाया है। 1.15 करोड़ का संगमरमर लगाने और 4 करोड़ का प्री-फैब्रिकेटेड वुडवर्क कराने का भी आरोप बीजेपी ने लगाया था। कई लाख की टॉयलेट सीट और ऑटोमैटिक दरवाजे लगवाने का आरोप भी अरविंद केजरीवाल पर लगा। वहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि दिल्ली के सीएम आवास के रेनोवेशन में 45 करोड़ नहीं, बल्कि 171 करोड़ की रकम खर्च की गई।
दिल्ली के सीएम आवास में अरविंद केजरीवाल ने जो रेनोवेशन कराया और उसके मद में जो भी खर्च किया, उसकी शिकायत दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर से की गई थी। लेफ्टिनेंट गवर्नर ने शिकायत की जांच के लिए सीबीआई को लिखा। इस मामले में सीबीआई ने प्रारंभिक जांच यानी पीई दर्ज किया है और दिल्ली सरकार से सीएम आवास के रेनोवेशन पर हुए खर्च संबंधी दस्तावेज लिए हैं। ऐसे में अगर सीबीआई को जांच में कोई गड़बड़ी मिली, तो अरविंद केजरीवाल के लिए दिक्कत खड़ी हो सकती है। अरविंद केजरीवाल पहले ही कथित शराब घोटाला मामले में आरोपी हैं और हाल ही में जमानत पर तिहाड़ जेल से छूटे हैं।