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दिल्ली सरकार ने नर्सिंग होम को कोरोना हेल्थ सेंटर बनाने का फैसला लिया वापस

Arvind Kejriwal

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने 10 से 49 बेड वाले नर्सिंग होम को कोविड19 नर्सिंग होम में बदलने का फैसला वापस ले लिया है। आदेश जारी होने के कुछ घंटे बाद रविवार को ही दिल्ली सरकार ने क्लीनिक और नर्सिंग होम को कोविड19 हेल्थ सेंटर में तब्दील किए जाने का अपना फैसला वापस लिया है।

दिल्ली सरकार द्वारा रविवार सुबह लिए गए फैसले के मुताबिक कोरोना रोगियों के उपचार के लिए छोटे नर्सिंग होम और क्लीनिक को कोरोना स्पेशल नर्सिंग होम में तब्दील किया जाना था। दिल्ली सरकार इसके जरिए राजधानी में 5000 अतिरिक्त कोरोना बेड उपलब्ध कराना चाहती थी। छोटे नर्सिंग होम्स और क्लीनिक के अलावा मध्यम दर्जे के मल्टीस्पेशलिटी नर्सिंग होम को भी कोरोना नर्सिंग होम में बदला जा रहा था। दिल्ली में इस योजना के तहत 10 से 49 बिस्तर की क्षमता वाले नर्सिंग होम को ‘कोविड-19 नर्सिंग होम’ बनाया जा रहा था।

हालांकि रविवार रात दिल्ली सरकार ने अपना यह फैसला वापस ले लिया। एक अधिकारिक फैसले में दिल्ली सरकार ने कहा, “हम नर्सिंग होम्स को कोविड सेंटर बनाने का फैसला वापस ले रहे हैं। इसकी सूचना प्रत्येक नर्सिंग होम के मेडिकल सुपरिटेंडेंट को दे दी गई है।”

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डॉक्टरों से दिल्ली सरकार की टेली मेडिसिन हेल्पलाइन से जुड़ने की भी अपील की है। उन्होंने कहा, “मैं सभी डॉक्टर से अपील करता हूं कि वह स्वैच्छिक रूप से दिल्ली सरकार के इस अभियान से जुड़ें। इसके लिए 08047192219 नंबर पर मिस कॉल देकर डॉक्टर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इस कठिन समय में दिल्ली के लोगों को आप की आवश्यकता है।”

दिल्ली सरकार के एक अन्य फैसले के मुताबिक दिल्ली के छह फाइव स्टार होटल में भी कोरोना रोगियों का उपचार किया जाएगा। इनमें इंदिरा गांधी एयरपोर्ट स्थित पुलमैन होटल एंड रिसोर्ट, ओखला स्थित होटल क्राउन प्लाजा, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी का होटल सूर्या, राजेंद्र प्लेस स्थित होटल सिद्धार्थ, पूसा रोड स्थित होटल जीवितेश और साकेत स्थित होटल शेरेटन शामिल हैं। इन पांच सितारा होटलों को दिल्ली के अपोलो, बत्रा, मैक्स, गंगाराम, और बीएल कपूर अस्पताल के साथ जोड़ा गया है।

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