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हाईकोर्ट ने तल्ख लहजे में केजरीवाल सरकार को दिया आदेश, कोरोना मरीजों के बेड रिजर्वेशन मामले में जल्द लें फैसला

नई दिल्ली। देश में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली में मंगलवार को कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आए। मंगलवार को यहां 1298 नए मामले सामने आए हैं। दिल्ली में एक दिन में नए मामले सामने आने का यह रिकॉर्ड है। इसके साथ ही अब यहां कुल 22132 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं पिछले 24 घंटों में 497 मरीज ठीक हुए जिसके साथ ही अब तक कुल 9243 मरीज यहां ठीक हो चुके हैं।

इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि अस्पतालों और नर्सिंग होम में covid-19 के मरीजों के बेड रिजर्वेशन मामले में जल्द फैसला लें। दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका पर अदालत ने कहा है कि कोविड-19 महामारी पर बनाई गई पॉलिसी को ध्यान में रख कर फैसला लें. जानकारी के मुताबिक, दिल्ली सरकार पर आरोप है कि वह केंद्र सरकार की covid-19 गाइडलाइन का पालन नहीं कर रही है।

दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि दिल्ली सरकार केंद्र सरकार की कोविड-19 गाइडलाइन का पालन नहीं कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा बीते 28 मार्च को जारी की गई covid1-9 गाइडलाइन के मुताबिक, राज्य सरकार हॉस्पिटल को पूरी तरीके से कोरोना मरीजों के इलाज के लिए दे दे। इन अस्पतालों के एग्जिट और एंट्री गेट अलग-अलग होने चाहिए ताकि कोरोना के मरीजों से दूसरे मरीज संपर्क में न आये और संक्रमण का खतरा न हो।

अगर किसी अस्पताल के एक ब्लॉक को कोरोना मरीज के इलाज के लिए रखा जाता है तो उसका भी एंट्री और एग्जिट अलग-अलग होना चाहिए। लेकिन, दिल्ली सरकार बीते 24 मई के दिन जारी आदेश के मुताबिक, दिल्ली के सभी अस्पतालों या नर्सिंग होम को अपने 20 फीसदी बेड कोरोना मरीजो के लिए रिज़र्व करने का आदेश है।

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