नई दिल्ली। ट्रैफिक चालान से जुड़े विवाद को निपटाने के लिए पुलिस और अदालतों के चक्कर नहीं काटने होंगे। कोरोना वायरस के कहर के बीच दिल्ली में कैमरों से होने वाले चालान का निपटारा करने के लिए बुधवार से दो वर्चुअल कोर्ट शुरू होने जा रहा है।
वर्चुअल कोर्ट को चलाने की पूरी प्रक्रिया में जज के पास कैमरे से ली गई पिक्चर्स डिजिटल फॉर्म में ही भेजी जाएंगी, कोर्ट उसके आधार पर दोषी व्यक्ति को उसके मोबाइल फोन पर चालान भेजेगा। ऐसे में उस व्यक्ति के पास 2 विकल्प होंगे या तो वह ऑनलाइन चालान का भुगतान कर दे या फिर वाहन के किए गए चालान को कोर्ट में चुनौती दे। ट्रैफिक चालान का भुगतान करने की सूरत में वर्चुअल कोर्ट में रसीद तैयार की जाएगी, जिसमें चालान के निपटारे और ट्रांजेक्शन आईडी की जानकारी दी जाएगी।
सर्वोच्च न्यायालय के ई-कमेटी की देखरेख में उच्च न्यायालय की आईटी टीम बुधवार से जिला अदालत में दोनों वर्चुअल कोर्ट काम करना शुरू कर देगी। इसका उद्घाटन समारोह भी ऑनलाइन आयोजित किया जा रहा है। दिल्ली यातायात पुलिस भी कोर्ट की इस परियोजना में सहभागिता निभा रही है। बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और ई-कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ वेबनियार के जरिए ई-उद्घाटन करेंगे। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश व आईटी कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस राजीव शकधर ऑनलाइन रहेंगे।
कैसे काम करेगा वर्चुअल कोर्ट
कैमरों से चालान होने पर जानकारी वर्चुअल कोर्ट में जाएगी। वर्चुअल कोर्ट में तैनात मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के कंप्यूटर के डैशबोर्ड पर यह दिखेगा। न्यायाधीश नियमों की अनदेखी करने वाले चालान को विशेष समन भेजेगा जो कि उनके पंजीकृत फोन पर आएगा, जिसमें एक लिंक होगा, जिसके जरिये भुगतान करना होगा। पिछले साल चालान का निपटारा करने के लिए शुरू किए गए वर्चुअल कोर्ट में सात मई, 2020 तक 7 लाख 30 ई-चलान का निपटारा किया गया।