नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने रविवार को मंत्री पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने यह कदम उठाते हुए पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने पार्टी के नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
गहलोत के आरोप और इस्तीफे का कारण
कैलाश गहलोत ने अपने इस्तीफे में पार्टी की वादाखिलाफी और भ्रष्टाचार को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने पत्र में लिखा कि पिछले चुनाव में यमुना की सफाई का वादा किया गया था, लेकिन वह पूरा नहीं हुआ। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी अब उस ईमानदार राजनीति से भटक गई है, जिसके चलते वह ‘आप’ से जुड़े थे। गहलोत ने केजरीवाल के सरकारी आवास को ‘शीशमहल’ करार देते हुए लिखा, “शीशमहल जैसे विवादों ने जनता के मन में पार्टी की नीयत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब ऐसा लगता है कि दिल्ली सरकार का अधिकांश समय केंद्र सरकार से लड़ने में बीत रहा है, जिससे दिल्ली के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।”
Delhi Minister and AAP leader Kailash Gahlot resigned from primary membership of Aam Aadmi Party; writes to party national convenor Arvind Kejriwal.
The letter reads, “There are many embarrassing and awkward controversies like the ‘Sheeshmahal’, which are now making everyone… https://t.co/NVhTjXl1c2 pic.twitter.com/wVU7dSesBa
— ANI (@ANI) November 17, 2024
गहलोत का इस्तीफा और जांच का दबाव
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, गहलोत ने अपने पत्र में पार्टी से अलग होने का फैसला मजबूरी में लिया। ‘आप’ के सूत्रों का कहना है कि वह प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो की जांच का सामना कर रहे थे। जांच के बढ़ते दबाव के कारण उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला लिया।
कैलाश गहलोत का राजनीतिक सफर
कैलाश गहलोत ने 2015 में दिल्ली की नजफगढ़ विधानसभा सीट से राजनीति में कदम रखा। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अजित सिंह खरखरी को हराकर विधानसभा चुनाव जीता। इसके बाद वह आम आदमी पार्टी की सरकार में परिवहन और पर्यावरण मंत्री बने। पर्यावरण मंत्री के तौर पर उन्होंने दिल्ली की वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए कई अहम कदम उठाए। उनके कार्यकाल में प्रदूषण में 25 फीसदी तक कमी दर्ज की गई थी। साथ ही, उन्होंने दिल्ली की परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने में भी बड़ी भूमिका निभाई। 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने फिर से नजफगढ़ सीट पर जीत दर्ज की और अपने प्रभाव को बरकरार रखा। उनके नेतृत्व में दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कई नई योजनाएं लागू की गईं।
गहलोत का इस्तीफा आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव से ठीक पहले बड़ा झटका है। पार्टी को न केवल एक वरिष्ठ नेता की कमी महसूस होगी, बल्कि उनके इस्तीफे के कारण जनता के बीच पार्टी की छवि भी प्रभावित हो सकती है। अब यह देखना होगा कि पार्टी इस झटके से कैसे उबरती है और आगामी चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करती है।