News Room Post

दिल्ली हिंसा मामले में जेल में बंद जामिया स्टूडेंट सफूरा जरगर की जमानत याचिका फिर खारिज

नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी की छात्रा सफूरा जरगर की जमानत याचिका खारिज कर दी। इसी साल फरवरी के महीने में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने 10 अप्रैल को सफूरा को गिरफ्तार किया था। जामिया कोऑर्डिनेशन कमिटी की सदस्य सफूरा पर गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। सफूरा जरगर फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं।

गुरुरवार को जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा ने कहा कि जांच के दौरान एक बड़ी साजिश सामने आई थी। यदि किसी एक साजिशकर्ता के खिलाफ बयान या कोई कृत्य और साजिश का सबूत है तो वह सब पर लागू होता है। उन्होंने कहा कि मामले के अन्य साजिशकर्ता के कृत्य और भड़काऊ भाषण इंडियन एविडेंस एक्ट के तहत आरोपी पर भी लागू होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस बात का सबूत भी है कि हिंसा के दौरान चक्का जाम करने की एक साजिश तो थी। कोर्ट ने सफूरा जरगर के स्वास्थ्य को देखते हुए तिहाड़ जेल के अधीक्षक को पर्याप्त चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने की बात कही। जामिया में एमफिल की स्टूडेंट सफूरा जरगर प्रेगनेंट हैं।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि सफूरा जरगर ने भीड़ को उकसाने के लिए कथित तौर पर एक भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके बाद फरवरी में दंगे हुए थे। इसी दौरान जरगर के वकील ने कहा कि उन्हें गलत तरीके से इस केस में फंसाया गया है। आपराधिक साजिश में इनकी कोई भूमिका नहीं थी। सफूरा के वकील ने कहा कि जो निर्दोष छात्र सरकार की नीतियों और कानून के खिलाफ हैं, उन्हें फंसाने के लिए जांच एजेंसी एक झूठी कहानी गढ़ रही है।

सफूरा जरगर ने मेडिकल ग्राउंड पर लगाई थी बेल की गुहार

दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने मेडिकल आधार पर जमानत देने की उसकी दलीलें ठुकरा दी। बेल की याचिका दायर करते हुए सफूरा जरगर के वकील ने उसके गर्भवती होने की बात का उल्लेख करते हुए कहा था कि सफूरा पॉलीसिस्टिक ओवेरी सिंड्रोम से पीड़ित है। इससे गर्भपात की आशंका बढ़ जाती है। लेकिन अदालत ने उसकी इस याचिका को खारिज कर दिया।

इससे पहले भी दो बार सफूरा जरगर की याचिका को खारिज की जा चुकी है। इससे पूर्व पटियाला कोर्ट ने जरगर की बेल याचिका को खारिज करते हुए उसकी न्यायिक हिरासत की अवधि 25 जून तक बढ़ा दी थी। उससे पहले 23 अप्रैल को मेट्रोपोलिटियन मजिस्ट्रेट वसुंधरा छौंकर ने सफूरा को आरोपों को मद्देनजर राहत देने से मना कर दिया था।

Exit mobile version