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UP: ‘प्रियंका से भी लें इस्तीफा’, इस नेता ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर कर दी मांग

rahul gandhi priyanka vadra

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों में कांग्रेस के बेहद ही खराब प्रदर्शन रहा है। इसके बाद से ही पार्टी के दिग्गज नेता शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठा रहे है।  इतना ही नहीं कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चुनावी राज्यों में मिली हार के बाद सभी प्रदेश अध्यक्षों से इस्तीफा मांगा था और 5 राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों ने अपनी इस्तीफा दे दिया। एक तरफ जहां यूपी में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का इस्तीफा ले लिया गया, मगर  यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के पद पर बने रहने को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। यूपी कांग्रेस प्रवक्ता और मीडिया संयोजक रहे जीशान हैदर ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने प्रियंका गांधी से भी इस्तीफा लेने की मांग कर डाली है। बता दें कि इससे पहले भी जीशान हैदर में यूपी में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन को लेकर प्रियंका गांधी के करीबियों पर जमकर खरी खोटी सुनाई थी। जीशान हैदर ने प्रियंका गांधी के सेक्रेटरी संदीप सिंह की पोल भी खोली थी।

अब आपको बताते है कि जीशान हैदर ने सोनिया गांधी को पत्र में क्या लिखा है। जीशान हैदर ने लिखा कि, यूपी में कांग्रेस की हार की ठीकरा सिर्फ और सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष के ऊपर फोड़ना बिल्कुल गलत है जब उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव खुद प्रियंका गांधी जी हो प्रदेश अध्यक्ष तो अपनी मर्जी से एक चपरासी भी नहीं रख सकते थे और यह पूरे प्रदेश की कांग्रेस को पता है आपसे निवदेन है कि जब भी विधानसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी हारी है तो हमेशा प्रभारी ने और प्रदेश अध्यक्ष ने इस्तीफा दिया है।

आगे जीशान ने लिखा कि प्रियंका गांधी जी का भी इस्तीफा आपको साथ में मांगना चाहिए यह कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की तरफ से आपसे निवदेन है क्योंकि जबतक प्रियंका जी यहां के प्रभारी रहेंगे उनके वही नौकर और उनकी वही टीम काम करेगी जिनकी वजह से 387 विधानसभाओं में हमारी जमानत जब्त हुई है क्योंकि प्रियंका जी उनको हटाने के लिए तैयार नहीं है तो आपसे निवेदन है कि प्रियंका जी को उत्तर प्रदेश के पदभार से कार्यमुक्त कर दिया जाए। बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 403 सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन पार्टी का करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा और राज्य में पार्टी महज 2 सीटें ही जीत पाई।

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