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Ramcharitmanas Row: रामचरितमानस पर विवादित बयान देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य का साथ उनकी बेटी संघमित्रा ने छोड़ा! कयासों की वजह है ये

संघमित्रा मौर्य को स्वामी प्रसाद ने बीजेपी के साथ रहने के दौरान बदायूं से लोकसभा चुनाव का टिकट दिलाया था। संघमित्रा ने तब इस सीट से जीत भी हासिल की थी। रामचरितमानस विवाद की वजह से बीजेपी और संघमित्रा के रिश्ते बने रहने को लेकर शंका का माहौल बन गया था।

sanghamitra maurya and swami prasad maurya

बदायूं। समाजवादी पार्टी (सपा) के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ क्या उनकी बेटी और बदायूं से बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य ही मोर्चा संभालने वाली हैं? ये सवाल इसलिए उठा है क्योंकि संघमित्रा मौर्य ने बीते दिनों दिल्ली में बीजेपी की एक बैठक में शामिल होने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की हैं। संघमित्रा ने तस्वीरों को साझा करते हुए लिखा है कि दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा की ओर से सांसदों की बैठक हुई। इस मौके पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय जेपी नड्डा और बीजेपी पिछड़े वर्ग मोर्चा के अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मण का मार्गदर्शन मिला। संघमित्रा की तरफ से फोटो शेयर करना इसलिए अहम है, क्योंकि उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार रामचरितमानस के बारे में उल्टे-सीधे बयान देकर चर्चा में आए थे।

बीजेपी के कार्यक्रम में शामिल होने की ये तस्वीर संघमित्रा मौर्य ने शेयर की है।

स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान के बाद ये सवाल उठ रहे थे कि संघमित्रा मौर्य अपने पिता का साथ देंगी या बीजेपी के साथ ही रहेंगी। इन सवालों के उठने के बाद संघमित्रा मौर्य ने यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से मुलाकात की थी। उन्होंने ये बयान भी दिया था कि वो अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के ही टिकट पर बदायूं से ही लोकसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं। अब बीजेपी के अहम कार्यक्रम में उनका शामिल होना साफ कर रहा है कि अपने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य का साथ फिलहाल वो देने नहीं जा रही हैं।

संघमित्रा मौर्य को स्वामी प्रसाद ने बीजेपी के साथ रहने के दौरान बदायूं से लोकसभा चुनाव का टिकट दिलाया था। संघमित्रा ने तब इस सीट से जीत भी हासिल की थी। रामचरितमानस विवाद की वजह से बीजेपी और संघमित्रा के रिश्ते बने रहने को लेकर शंका का माहौल बन गया था। तमाम बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनको पार्टी से निकालने तक की वकालत की थी, लेकिन बीजेपी ने संघमित्रा के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया।

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