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DRDO Missile Develop: अब कांप जाएगा दुश्मन, इस मिसाइल का बड़े पैमाने पर निर्माण करेगा DRDO, जरूरी प्रक्रिया शुरू

DRDO Missile Develop: पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत और चीन (India and China) के बीच पिछले कई महीनों से तनाव जारी है। इस बीच रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बड़े पैमाने पर पिनाक रॉकेट्स, लॉन्‍चर्स और इससे जुड़े उपकरणों के उत्‍पादन की तैयारी कर ली है।

pinaka missile

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत और चीन (India and China) के बीच पिछले कई महीनों से तनाव जारी है। इस बीच रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बड़े पैमाने पर पिनाक रॉकेट्स, लॉन्‍चर्स और इससे जुड़े उपकरणों के उत्‍पादन की तैयारी कर ली है। अधिकारियों की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि DRDO ने पिनाका रॉकेट प्रणाली के बड़े पैमाने पर उत्पादन से संबंधित सभी जानकारी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (DGQA) को सौंप दी। DGQA सभी रक्षा उपकरणों के लिए गुणवत्ता विनिर्देश और मानक सुनिश्चित करने का उत्तरदायी है। बता दें कि पिनाक लंबी दूरी का आर्टिलरी सिस्‍टम है। इसे नजदीक से युद्ध होने से पहले दुश्‍मन को टारगेट करने के लिए यूज किया जाता है। इससे छोटी रेंज की आर्टिलरी, इन्‍फैंट्री और हथियारबंद वाहनों को निशाना बनाया जाता है।

अधिकारियों की तरफ से बताया गया है कि डीआरडीओ ने पिनाक रॉकेट सिस्‍टम्‍स के बड़े पैमाने पर उत्‍पादन के लिए जरूरी सभी जरूरी जानकारियां डायरेटोरेट जनरल ऑफ क्‍वालिटी एश्‍योरेंस (डीजीक्‍यूए) को सौंप दिया है। डीजीक्‍यूए ही सभी रक्षा उपकरणों के स्‍तरों और गुणवत्‍ता मानों को सुनिश्चित करता है। रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ‘आज एक मील का पत्‍थर हासिल किया गया जब पिनाक वेपन सिस्‍टम की अथॉरिटी होल्डिंग सील्‍ड पर्टिकुलर्स (एएचएसपी) की जिम्‍मेदारी डीआरडीओ ने डीजीक्‍यूए को जिम्‍मेदारी सौंप दी।’ एएचएसपी वह अथॉरिटी है जो अहम रक्षा उत्‍पादों के लिए जरूरी डाटा को जुटाती है।

DRDO ने शुक्रवार को अथॉरिटी होल्डिंग सील्ड पर्टिकुलर (AHSP) रेस्पोंसिबिलिटी को DGQA को सौंप दिया है। यह पिनाका रॉकेट, लॉन्चर्स, बैटरी कमांड पोस्ट आदि के उत्पादन और गुणवत्ता आश्वासन प्रक्रियाओं से जुड़ा है।

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