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Jaishankar Slams Rahul: ‘मैंने सोचा चीन पर राहुल से क्लास लूं लेकिन वो खुद चीन के राजदूत के पास गए थे’, विदेश मंत्री जयशंकर का तंज

दरअसल, राहुल गांधी चीन के मुद्दे पर लगातार मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करते रहे हैं। पिछले साल अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर तंज कसा था। राहुल ने कहा था कि जयशंकर को चीन के मसले पर अपनी सोच और समझ को बड़ा करना चाहिए।

s jaishankar and rahul gandhi

मैसुरु। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक बार फिर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज कसा है। मैसुरु में एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि वो राहुल गांधी से चीन पर क्लास लेना चाहते थे, लेकिन बाद में पता चला कि राहुल गांधी खुद चीन के राजदूत से उनके देश पर क्लास ले रहे हैं। जयशंकर ने विदेश नीति के दुर्भाग्य से अखाड़ा बनने की बात कही और नसीहत दी कि कुछ मुद्दों पर हमें ऐसा व्यवहार करना चाहिए, ताकि विदेश में भारत की स्थिति कमजोर न पड़े। राहुल गांधी की तरफ से उस आरोप कि मोदी सरकार और विदेश मंत्री चीन की तरफ से खतरे को नहीं समझ रहे हैं, पर जयशंकर ने कहा कि राहुल गांधी से क्लास लेना चाहता था, लेकिन पता चला कि वो खुद चीन के राजदूत से क्लास ले रहे हैं। इसके बाद भी मैंने खुद से पूछा कि क्या मैं भी मुख्य स्रोत (चीन के राजदूत) तक जाकर बात कर सकता हूं।

दरअसल, राहुल गांधी चीन के मुद्दे पर लगातार मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करते रहे हैं। पिछले साल अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर तंज कसा था। राहुल ने कहा था कि जयशंकर को चीन के मसले पर अपनी सोच और समझ को बड़ा करना चाहिए। उन्होंने ये दावा भी किया था कि चीन ने भारत के खिलाफ जंग की तैयारी की है। राहुल का कहना था कि मोदी सरकार इस मामले को नजरअंदाज कर रही है और जानकारियां छिपा रही है। राहुल ने अरुणाचल प्रदेश में भारत और चीन के जवानों के बीच हुए टकराव के बाद ये भी कहा था कि चीन के सैनिक हमारे जवानों को पीटकर भगा रहे हैं। वहीं, एक टकराव का वीडियो आया था। जिसमें चीन के सैनिकों को भारत के जांबाज जवान पीटकर भगाते दिखे थे। इस पर सोशल मीडिया में राहुल की काफी किरकिरी हुई थी।

राहुल गांधी और विपक्ष के नेताओं की तरफ से लगातार कहा जाता है कि चीन ने भारत की जमीन कब्जा ली है। इस पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि पेंगोंग सो में चीन की तरफ से पुल बनाने पर भी गलत जानकारी फैलाई गई। चीन इस इलाके में 1959 में आया था। उसने 1962 की जंग के बाद इलाके पर कब्जा किया। कुछ आदर्श गांव, जो भारत ने पहले बनाए थे, उन पर भी 62 या उससे पहले चीन काबिज हो चुका था। विदेश मंत्री ने कहा कि मैंने कभी इसकी चर्चा नहीं की कि 1962 में जो भी हुआ वो किसकी गलती थी। उन्होंने कहा कि इसे मैं राजनीतिक रंग देना जरूरी नहीं मानता हूं।

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