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ईडी ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को किया गिरफ्तार, कोर्ट ने 11 मार्च तक हिरासत में भेजा

नई दिल्ली। मुंबई की एक विशेष अदालत ने रविवार को यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को 11 मार्च तक के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया। कपूर को रविवार तड़के लगभग चार बजे प्रवर्तन निदेशालय ने 30 घंटे तक पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार कर लिया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में भारत के सबसे हाई प्रोफाइल बैंकरों में से एक यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को गिरफ्तार कर लिया।

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “हां, हमने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में कपूर को गिरफ्तार कर लिया है।” यस बैंक का संकट सामने आने के कुछ दिनों बाद कपूर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) और अन्य अपराधों में निरुद्ध किया गया है। विवादास्पद रियल्टी फर्म दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के साथ कपूर और उनके परिजनों के संबंधों के लिए शुक्रवार रात से हुई उनसे पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया है। वर्ष 2003-2004 में यस बैंक के सह-संस्थापक रहे कपूर बाद में इसके एमडी और सीईओ बन गए, लेकिन उन्हें सितंबर 2018 में पद छोड़ना पड़ा।

जांच के हिस्से के रूप में ईडी के अधिकारियों ने वर्ली स्थित कपूर के आवास समुद्र महल पर छापा मारा। साथ ही ईडी ने शनिवार को मुंबई और नई दिल्ली स्थित कपूर की तीन बेटियों के घरों की भी तलाशी ली। उनकी तीनों बेटियां राखी कपूर टंडन, रोशनी कपूर और राधा कपूर घोटाले की कथित लाभार्थी हैं।
ईडी को संदेह है कि कपूर और उसकी दो बेटियों ने कथित तौर पर डीएचएफएल से रिश्वत लिया है। कपूर की दोनों बेटियां डूइट अर्बन वेंचर्स की निदेशक हैं।

यह 4,450 करोड़ रुपये की राशि उस 13,000 करोड़ रूपये का ही हिस्सा है, जो डीएचएफएल से लिया गया और इसके लिए जिन 79 डमी कंपनियों का इस्तेमाल हुआ, उनमें से डूइट अर्बन वेंचर भी एक है। ईडी के अधिकारी ने कहा कि तलाशी के दौरान बहुत सारे भ्रामक दस्तावेज पाए गए और एजेंसी ने डीएचएफएल के प्रमोटरों और अन्य कंपनियों के साथ उनके संबंधों को लेकर जांच की।

ईडी ने डीएचएफएल के खिलाफ अपनी जांच जारी रखने के लिए कपूर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया, जिसमें कथित तौर पर कहा गया है कि एक लाख फर्जी कर्जदारों का उपयोग करके 80 फर्जी कंपनियों को 12,500 करोड़ रुपये दिए गए। इन फर्जी कंपनियों के साथ लेन-देन की तारीख 2015 तक बताई गई है। ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि जांच से पता चला है कि डीएचएफएल द्वारा डायवर्ट किए गए फंड्स यस बैंक से मिले हैं।


उन्होंने कहा कि शुक्रवार रात कपूर के आवास पर हुई तलाशी का मकसद यस बैंक द्वारा डीएचएफएल को ऋण देने में बरती गई अनियमितता का पता लगाना था। ईडी ने कपिल और धीरज वधावन को डीएचएफएल की पांच फर्मों -फेथ रियलटर्स, मार्वल टाउनशिप, अबे रियल्टी, पोसीडॉन रियल्टी और रैंडम रियलटर्स- खरीदने का आरोप लगाया है, जिसके बाद उन्हें सनब्लिंक के साथ जोड़ दिया गया।

डीएचएएफएल से लिए गए ऋण के गबन की लीपा-पोती करने के लिए इन पांच फर्मों के बकाया ऋण (जुलाई 2019 तक लगभग 2,186 करोड़ रुपये) को कथित तौर पर सनब्लिंक के बही-खाते में दिखा दिया गया। प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के बाद आरबीआई ने 30 दिनों के लिए यस बैंक बोर्ड को निलंबित कर दिया है और एक प्रशासक नियुक्त किया है। खाताधारकों को एक महीने में मात्र 50,000 रुपये निकालने की अनुमति है। पूर्व एसबीआई सीएफओ प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया था, जिसकी देशभर में 1,000 से अधिक शाखाएं और 1,800 से अधिक एटीएम हैं।

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