News Room Post

दिल्ली दंगा: वायरल चैट ने खोली पोल, योजनाबद्ध तरीके से रची गई थी दंगे की साजिश!

Delhi riots

नई दिल्ली। फरवरी में हुए दिल्ली दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में तो कई चौंकाने वाले खुलासे कर ही दिए वहीं यह भी स्पष्ट हो गया की दूसरी बार मोदी सरकार के गठन के बाद से ही इस दंगे की साजिश रचनी शुरू हो गई थी। वहीं चार्जशीच में यह भी बताया गया कि इस दंगे का मुख्य उद्देश्य एक चुनी हुई सरकार की नींव को हिलाकर रख देने का था। इसके साथ ही एक और चौंकाने वाला खुलासा ये कि इस दंगे को प्रायोजित करने के लिए पूरी तरह से पैसों का खेल खेला गया। करोड़ों रुपए इसके लिए ऐसी विकृत मानसिकता के लोगों को दिए गए जो समाज में दंगे जैसी गतिविधि को अंजाम देने की ख्वाहिश रखते थे। ताहिर हुसैन को लेकर तो यह तक खुलासा हुआ कि उसने 50 लीटर के करीब एसिड इस दंगे में इस्तेमाल करने के लिए घटना वाले दिन के 15 दिन पहले खरीदा था। जिसके सबूत घटना के बाद उसकी छत से मिले भी थे। इस चार्जशीट में कहा गया है कि दिल्ली में दंगों का षडयंत्र रचने वाले सभी षडयंत्रकारियों का मकसद सांप्रदायिक हिंसा का इस्तेमाल करके एक चुनी हुई सरकार को उखाड़ फेंकना था। वहीं अब दिल्ली दंगे को लेकर एक संस्था टीम भारत (TEAM BHARAT) ने सोशल मीडिया के जरिए जो खुलासा किया है वह और भी चौंकानेवाला है। इससे साफ पता चलता है कि किस तरह के इरादों के साथ इस पूरी साजिश के लिए चक्रव्यूह की रचना की गई। इसको लेकर टीम भारत (TEAM BHARAT) ने अपने ट्वीटर एकाउंट पर कई दावे तो किए ही हैं साथ ही कई स्क्रीनशॉट भी लगाए हैं जो इस पूरे घटनाक्रम की पोल खोलने के लिए सबूत के तौर पर काफी है।

टीम भारत (TEAM BHARAT) की मानें तो जब दिल्ली में ये हिंसक और अमानवीय दंगे हुए तो कहा गया कि इसके पहेल यहां जो प्रदर्शन हुए और जो दंगे भड़के वह उत्तरी पूर्वी दिल्ली के स्थानीय लोगों द्वारा किया गया। लेकिन व्हाट्सएप ग्रुप के चैट ने यह उजागर कर दिया कि वास्तव में क्या हुआ और कैसे इस पूरे दंगे की रूपरेखा तैयार की गई।


इसमें यह खुलासा किया गया कि आखिर जहांगीरपुरी की 300 महिलाओं को शाहीन बाग से 23 फरवरी को सीलमपुर-जफराबाद क्यों भेजा गया? इस दंगों को भड़काने के लिए 6 बसों और 1 ट्रक में इनको भेजा गया? पुलिस से बचने के लिए शाहीन बाग से होकर इसका रास्ता निकाला गया। किसी भी हालत में इस तरह के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की आवश्यकता क्यों होगी?


क्या इन महिलाओं को यहां इसलिए भेजा गया था क्योंकि स्थानीय लोग हिंसा में लिप्त होने के लिए तैयार नहीं थे और वह शहर को हिंसा की आग में नहीं झोंचने को तैयार थे जिसकी वजह से यह योजना खत्म होती नजर आ रही थी? वह कहते रहे कि प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण नागरिक थे जो संवैधानिक अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रहे थे, फिर महिलाओं को मिर्च पाउडर अपने साथ रखने के लिए क्यों कहा गया?


ऐसे में सवाल यह भी कि इसका मुख्य योजनाकार कौन था? ऐसे समूहों में सक्रिय रूप से जफूरा जारगर ने भाग क्यों लिया? चांद बाग़ के निवासी और डीपीएसजी व्हाट्सएप चैट समूह के सदस्य अतहर खान ने 16 और 17 फरवरी, 2020 की रात में पूर्वोत्तर के सभी विरोध स्थल के नेताओं की एक बैठक क्यों आयोजित की थी?


विरोध स्थलों को अगले स्तर तक ले जाने के लिए योजना बनाई गई थी। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को विरोध स्थलों से हटाने की योजना बनाई और इसे मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में व्यवस्थित करने की योजना पर विचार किया गया। ताकि जिन स्थानों पर सोचा गया है उसकी सड़कों और अन्य यातायात के माध्यमों को बलॉक किया जा सके।


इसके लिए पूर्व नियोजित तरीके से पहले रास्तों को जाम करना मतलब चक्का जाम फिर पुलिस पर हमला और उसके बाद उस विनाशकारी सोच को अंजाम देना था जिसकी आग में 53 से ज्यादा लोगों की जान चली गई।


इसके साथ ही कई ऐसे खुलासे और सवाल के जवाब इन चैट के माध्यम से समझ में आ गए। इससे साफ पता चल गया कि किस तरह से इस पूरी योजना को अंजाम देने के लिए साजिश रची गई और इस पूरी साजिश को योजनाबद्ध तरीके से आगे कैसे बढ़ाया गया।

Exit mobile version