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Farmers Protest: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राकेश टिकैत ने जो कहा वो एक तरीके से ‘धमकी’ है!

Supreme Court Farm Laws: किसान नेता(Farmer Leader) दर्शनपाल सिंह ने कहा कि, "हमने 3 क़ानूनों की प्रतियां जलाकर सरकार को संदेश दिया है कि इसी तरह ये बिल एक दिन हमारे गुस्से की भेंट चड़ेंगे और सरकार को क़ानून वापस लेने पड़ेंगे।

rakesh tikait

नई दिल्ली। किसानों के प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई करते हुए SC ने किसान संगठन और सरकार के बीच बने गतिरोध को खत्म करने के लिए एक चार सदस्यों की कमेटी बनाई है और दो महीने में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लेकर किसान संगठनों में नाराजगी देखने को मिल रही है। वहीं कमेटी को ना मानने की भी बात किसान संगठनों की तरफ से आई है। ऐसे में बुधवार को भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपने अंदाज में सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तो वो अपने आंदोलन को और तेज करने की बात कही है। राकेश टिकैत ने चैलेंज के साथ कहा कि “सरकार ने 10 साल पुराने ट्रैक्टर पर बैन लगाया है तो हम 10 साल पुराने ट्रैक्टर को दिल्ली की सड़कों पर चला कर दिखाएंगे।”

बता दें कि राकेश टिकैत ने अपने ताजा बयान में ये भी कहा है कि, “आंदोलन में कोई देश विरोधी बातें कर रहा है तो सरकार उसे गिरफ़्तार करे। कृषि क़ानून कैसे ख़त्म हो सरकार इस पर काम करे।” बता दें कि बुधवार को टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने लोहड़ी के मौके पर नए कृषि क़ानूनों की प्रतियां जलाई।

इसको लेकर किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि, “हमने 3 क़ानूनों की प्रतियां जलाकर सरकार को संदेश दिया है कि इसी तरह ये बिल एक दिन हमारे गुस्से की भेंट चड़ेंगे और सरकार को क़ानून वापस लेने पड़ेंगे। 18 तारीख को महिलाएं पूरे देश में बाज़ारों में, SDM दफ़्तरों, जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन करेंगी।”

वहीं अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने बुधवार को कहा कि, “सरकार जो चाहती है वही हो रहा है। उन्हें मालूम था कि कोर्ट जाकर कमेटी बनवाएंगे। हमें बोला गया कोर्ट में चलो। शुरू से हमें मालूम था कि कमेटी बनेगी कारपोरेट समर्थक लोगों से जो कारपोरेट के खिलाफ नहीं बोलेंगे।”

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