नई दिल्ली। किसान अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर दिल्ली कूच करने की तैयारी कर रहे हैं। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि 15 अगस्त को पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकाले जाने का ऐलान किया है। किसान लंबे समय से पंजाब और हरियाणा के शंभु बॉर्डर पर डटे हुए हैं और फिलहाल यह बॉर्डर बंद है। 31 अगस्त को इस धरने के 200 दिन पूरे होने पर किसान संगठनों ने इस देशभर के किसानों से अपील की है कि वो ज्यादा से ज्यादा संख्या में शंभु बॉर्डर पर इकट्ठा हों।
गौरतलब है कि एमएसपी की लीगल गारंटी सहित करीब कई अन्य मांगों को लेकर इसी साल 13 फरवरी को पंजाब के किसान दिल्ली के लिए निकले थे, लेकिन हरियाणा सरकार ने पटियाला और अंबाला के शंभु बार्डर पर उनको रोक दिया। तब से अभी तक बड़ी संख्या में किसान शंभु बार्डर पर ही डेरा डाले हुए हैं। उधर, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बीते दिनों शंभू बॉर्डर को खोलने का आदेश दिया था और इसके लिए सरकार को एक सप्ताह का समय दिया था मगर इसकी मियाद 17 जुलाई को खत्म हो गई और बार्डर नहीं खुल सका।
Aligarh, Uttar Pradesh: “Farmers across the country face different problems in different locations. The government is not increasing the circle rates of land, whereas the salaries and allowances of officers and employees are increased regularly…The paddy crop is drying up due… pic.twitter.com/rtewbpZ4yd
— IANS (@ians_india) July 22, 2024
दूसरी तरफ, यूपी के किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश भर में किसानों को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सरकार जमीन के सर्किल रेट नहीं बढ़ा रही है, जबकि अधिकारियों-कर्मचारियों के वेतन-भत्ते लगातार बढ़ रहे हैं। अनियमित जलापूर्ति के कारण धान की फसल सूख रही है और बर्बाद हो रही है। हमारी मांग है कि नोएडा में जो सर्किल रेट और मुआवजा दिया गया है, उसी हिसाब से हर जगह सर्किल रेट और मुआवजा तय किया जाए। टिकैत बोले, अगर आंदोलन होते रहेंगे तो ही किसानों को कुछ मिलेगा अन्यथा कुछ नहीं मिलेगा। सर्किल रेट न बढ़ाना पड़े और जमीन सस्ते में मिल जाए यह सरकार की सोची समझी रणनीति है।