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लॉकडाउन के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी गई 74300 करोड़ रुपये की फसल : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

FM Smt Nirmala Sitharaman

नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 20 ने लाख करोड़ रुपये के पैकेज से जुड़ी तीसरी किस्त को लेकर मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि आज कृषि के ऊपर ज्यादा बात करेंगे। किसानों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं के जरिए पिछले पांच से छह सालों से कदम उठाए जा रहे हैं। करोड़ों किसानों को इसके माध्यम से लाभ मिला है।

किसानों से एमएसपी पर 74300 करोड़ रुपये की फसल खरीदी

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि लॉकडाउन के दौरान किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर 74300 करोड़ रुपये की फसल खरीद की गई।

वित्तमंत्री कोरोना के कहर से निजात दिलाने के लिए सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के तहत किए गए उपायों का ब्योरा दे रही थीं।

स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए 10,000 करोड़ रुपये का फंड

सरकार ने स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए 10,000 करोड़ रुपये का फंड बनाया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को यह घोषणा की।

इसके साथ ही वित्तमंत्री ने कहा कि सप्लाई चेन किसानों की बाधित हो गई है। फल, सब्जियों को खेतों से बाजार तक लाने के लिए, खराब होने से बचाने के लिए 500 करोड़ रुपये की अगले 6 महीने तक इस पायलट प्रोजेक्ट को बढ़ा दिया गया है।

कैटल फीड प्रोडक्शन में निर्यात के लिए 15,000 करोड़ रुपये का फंड

निर्मला सीतारमण ने कहा कि निजी निवेश डेयरी प्रोसेसिंग में बढ़ावा देने, कैटल फीड प्रोडक्शन में निर्यात के लिए 15,000 करोड़ रुपये का फंड है। चीज जैसे नीश प्रोडक्ट के ​प्लांट लगाने के लिए सरकार प्रोत्साहन देगी।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि जानवरों में फुट ऐंड माउथ डिजीज होता है, क्योंकि उनका टीकाकरण नहीं होता, इसलिए दूध के उत्पादन पर असर पड़ता है। अब सभी पशुओं का 100 फीसदी टीकाकरण होगा। जनवरी 2020 तक 1.5 करोड़ गाय,भैंसों का टीकाकरण किया गया। ग्रीन जोन में यह काम जारी है।

फूड एंटरप्राइजेज माइक्रो साइज के लिए 10 हजार करोड़ रुपये दिया जाएगा

वित्त मंत्री ने कहा कि फूड एंटरप्राइजेज माइक्रो साइज के लिए 10 हजार करोड़ रुपये दिया जाएगा। क्लस्टर आधार पर ताकि वे ग्लोबल स्टैंडर्ड के प्रोडक्ट बना सकें, वेलनेस, हर्बल, ऑर्गेनिक प्रोडक्ट करने वाले 2 लाख माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज को फायदा होगा। जैसे बिहार में मखाना उत्पाद, कश्मीर में केसर, कर्नाटक में रागी उत्पादन, नॉर्थ ईस्ट में ऑर्गेनिक फूड, तेलंगाना में हल्दी।

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